करेला एक ऐसी सब्जी है जिसका नाम सुनते ही अक्सर लोग मुंह सिकोड़ने लगते हैं। करेला का कड़वा स्वाद इसके गुणों पर हावी रहता है जिसकी वजह से लोग इस सब्जी का सेवन बहुत चाव से नहीं करते। आप जानते हैं कि स्वाद में कड़वा करेला सेहत के लिए अमृत है। करेला जिस पेड़ पर फलता-फूलता है उस पेड़ के पत्ते भी गुणों का खज़ाना हैं जिसकी लोगों को बेहद कम जानकारी है। आप जानते हैं कि करेले की तरह ही करेले के पत्ते भी पोषक तत्वों का खजाना हैं। एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन और खनिजों से भरपूर करेला के पत्तों का सेवन पारंपरिक रूप से कई बीमारियों का उपचार करने में किया जाता रहा है।
कंसल्टेंट डायटीशियन एंड सर्टिफाइडएजुकेटर ने बताया करेला के पत्ते बीटर मेलन प्लांट के पौधे से प्राप्त होते हैं जो आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, जिनमें विटामिन ए और विटामिन सी, फोलेट और पोटैशियम और आयरन जैसे पोषक तत्व शामिल हैं।
करेला का पौधा आमतौर पर गर्मियों में उगाया जाता है और यह विटामिन C, आयरन, और अन्य खनिजों का अच्छा स्रोत होता है। इसे आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा में कई बीमारियों जैसे डायबिटीज, पाचन और स्किन से जुड़ी परेशानियों का ट्रीटमेंट करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि करेले की पत्तियां कैसे सेहत के लिए अमृत है और ये कौन-कौन सी बीमारियों का उपचार करती हैं।
डायबिटीज और किडनी से जुड़ी परेशानी वाले लोग अगर इन पत्तियों का सेवन कर रहे हैं तो कुछ सावधानियां जरूर बरतें। सबसे पहले डायबिटीज से पीड़ित लोग ब्लड शुगर की बारीकी से निगरानी करें,क्योंकि करेला की पत्तियां खाने से शुगर तेजी से कम होता है। अगर इन पत्तियों का सेवन डायबिटीज की दवाओं के साथ किया जाए तो हाइपोग्लाइसीमिया होने की संभावना बढ़ सकती है।
किडनी की समस्या वाले लोग इन पत्तों का और सब्जी का सेवन थोड़ा सोच समझकर करें। क्योंकि अत्यधिक सेवन से किडनी की कार्यप्रणाली पर असर पड़ सकता है। गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को करेला का सेवन करने से बचना चाहिए। जिन लोगों को करेला से एलर्जी है उन्हें भी इन पत्तियों का सेवन करने से बचना चाहिए।