अल्जाइमर रोग हमारी याददाश्त से जुड़ा होता है। आपको बता दें कि अल्जाइमर में लोगों को भूलने की समस्या होने लगती है और धीरे-धीरे यह समस्या इतनी बढ़ जाती है कि लोग अपने जरूरी काम भी भूल जाते हैं। अल्जाइमर की बीमारी में दिमाग की कोशिकाएं नष्ट होने लगती हैं और इस वजह से चीजों को रखना मुश्किल हो जाता है। वहीं अगर इस बीमारी के कारणों की बात करें तो इस बीमारी के कई कारण माने जाते हैं। जिसमें सिर की चोट, मधुमेह और अनियमित जीवनशैली और खान-पान को भी इस बीमारी का कारण माना जा रहा है।
वृद्धावस्था के अधिकांश लोग इस बीमारी के शिकार हो जाते हैं और अब तक इस बीमारी का कोई स्थायी इलाज नहीं है। लेकिन अगर इस बीमारी से पीड़ित मरीज अपने खान-पान का ध्यान रखें तो कुछ हद तक इस बीमारी को ठीक किया जा सकता है। आइए जानते हैं कुछ ऐसी चीजों के बारे में जिनका सेवन करने से अल्जाइमर की समस्या को कम किया जा सकता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक अल्जाइमर के मरीजों में कई तरह के लक्षण दिखने लगते हैं। जिसमें लक्षणों में याददाश्त में कमी, महत्वपूर्ण चीजों को भूल जाना, किसी समस्या को हल करने में परेशानी, मूड में बदलाव और बोलने और लिखने में कठिनाई महसूस होना शामिल है।
हरी पत्तेदार सब्जियां : बढ़ती उम्र में हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन सेहत के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। इसी तरह हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन भी अल्जाइमर के मरीजों के लिए फायदेमंद माना जाता है। दरअसल, इस तरह की सब्जियों में प्रोटीन, विटामिन और कई अन्य पोषक तत्व होते हैं। ऐसा करने से दिमागी सेहत में सुधार होता है और अल्जाइमर का खतरा भी कम होता है।
ड्राई फ्रूट्स का सेवन करें : याददाश्त बढ़ाने के लिए सूखे मेवों का सेवन सबसे जरूरी माना जाता है। खासतौर पर बादाम और अखरोट का सेवन दिमाग को एक्टिव रखने के साथ-साथ याददाश्त बढ़ाने में भी मदद करता है। इसलिए अल्जाइमर के मरीजों को रोजाना इन दो सूखे मेवों का सेवन करना चाहिए।
बेरीज का सेवन : आपको बता दें कि जामुन में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण दिमाग की कोशिकाओं को नुकसान होने से बचाते हैं। इसलिए अक्सर वृद्ध लोगों को जामुन खाने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा जामुन खाने से बढ़ती उम्र में याददाश्त की समस्या भी कम होती है और याददाश्त तेज होती रहती है।