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उपवास से हो सकती है डायबिटीज की समस्या, एक श्रोध में खुलासा

स्वास्थ्य Published by: Paliwalwani Updated Mon, 18 Oct 2021 03:02 PM
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स्वास्थ । आस्था के हिसाब से तो ये ठीक है, लेकिन मेडिकल साइंस उपवास से इत्तेफाक नहीं रखता। मेडिकल साइंटिस्ट के मुताबिक सुबह का नाश्ता करना बेहद जरूरी है। इससे हमारे दिन भर की दिनचर्या पर असर पड़ता है। एक नए स्टडी में नाश्ते को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। स्टडी के मुताबिक कि जो लोग जल्द उठते हैं, सुबह का नाश्ता करते हैं, वो स्वस्थ्य रहते हैं। उनका शुगल लेवल भी बेहतर होता है। लेकिन जो देर से उठते हैं और समय पर ब्रेकफास्ट नहीं करते हैं, उनमें टाइप 2 डायबिटीज का खतरा ज्यादा होता है।

यह अध्ययन इस साल मार्च में आयोजित द एंडोक्राइन सोसाइटी के एक सम्मेलन में प्रस्तुत की गई थी। स्टडी में पता चला कि सुबह जल्द खाने से इंसुलिन रेसिस्टेंस कम रहता है, और टाइप 2 डायबिटीज का खतरा कम होता है। नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ताओं ने यह स्टडी की है। रिसर्च में सामने आया कि जल्द खाना खाने वालों में इंसुलिन रेसिस्टेंस और ब्लड शुगर कम था। जिन लोगों ने सुबह 9 बजे से पहले कुछ खाया, उनमें इंसुलिन रेसिस्टेंस का लेवल कम पाया गया।

टाइप 2 डायबिटीज का जोखिम

स्टडी में टीम ने हेल्थ और पोषण पर एक राष्ट्रीय सर्वेक्षण से 10 हजार 575 अमेरिका से मिले आंकड़ों का विश्लेषण किया। जिसमें हर दिन दस घंटे या उससे कम वक्त के दौरान फास्ट रखने वाले या खाने को हाई इंसुलिन रेसिस्टेंस से जोड़ा गया। अध्ययन में पता चला कि उपवास रखने वाले लोगों में रेसिस्टेंस टाइप 2 डायबिटीज का जोखिम पाया गया। इस स्टडी से पहले के अध्ययन काफी उलट है। जिसमें कहा गया कि व्रत रखने से इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार होता है। वह ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल कर सकता है।

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