इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन के अनुसार भारत में मधुमेह से पीड़ित लोगों की संख्या वर्ष 2024-25 तक 40 मिलियन से बढ़कर 70 मिलियन हो जाएगी। मधुमेह को साइलेंट किलर के रूप में भी पहचाना जाता है।“चूंकि यह विकार धीरे-धीरे विकसित होता है, इसलिए शुरुआती चरण में संकेत हल्के होते हैं और लोगों द्वारा अक्सर इसे नजरअंदाज कर दिया जाता है, जिससे इसके उपचार में देरी होती है।” लेकिन अगर आप अपने रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने के लिए कुछ आयुर्वेदिक और प्राकृतिक तरीकों की तलाश कर रहे हैं, तो डॉ नरम ने आपके लिए कुछ आयुर्वेदिक टिप्स साझा किए हैं, जिन्हें आप आजमा सकते हैं। आइए जानते हैं-
दो बड़े चम्मच मेथी के दानों को रात भर पानी में भिगोकर रोज सुबह खाली पेट लें, इससे आपका ग्लूकोज लेवल कम हो जाएगा । आप मेथी के बीज के पाउडर का सेवन रोजाना गर्म या ठंडे पानी या दूध के साथ भी कर सकते हैं।
“एक चम्मच हल्दी पाउडर और एक चम्मच आंवला पाउडर मिलाकर एक साथ सुबह खाली पेट पानी के साथ लें। हल्दी एक बेहतरीन जड़ी बूटी है जो न केवल सामान्य सर्दी और खांसी के इलाज में मदद करती है बल्कि टाइप 2 मधुमेह को रोकने में भी कारगर मानी जाती है।”
डॉक्टर के मुताबिक मधुमेह वाले लोगों को डिहाइड्रेशन (Dehydration) का अधिक खतरा होता है। शरीर में बन रहे अतिरिक्त ग्लूकोज को हटाने के लिए, किडनी पेशाब के माध्यम से ग्लूकोज को शरीर से बाहर निकालने की कोशिश करते हैं, इस दौरान बॉडी को अधिक मात्रा में पानी की आवश्यकता है। इसलिए, आपका रक्त शर्करा जितना अधिक होगा, आपको उतना ही अधिक तरल पदार्थ पीना चाहिए, यही कारण है कि अधिक प्यास लगना मधुमेह के मुख्य लक्षणों में से एक है।
अपने दैनिक आहार में दालचीनी का सेवन करें। दालचीनी में बायोएक्टिव यौगिक मधुमेह को रोकने और उससे लड़ने में मदद कर सकता है। दालचीनी इंसुलिन की गतिविधि को बढ़ाकर ब्लड शुगर के स्तर को भी नियंत्रित कर सकती है। आधा चम्मच पिसी हुई दालचीनी को गर्म पानी में मिलाएं और दिन में एक बार इसका सेवन करें।
सेब, अमरूद और चेरी जैसे ताजे फलों का सेवन करें; ये रक्त शर्करा के स्तर को बनाए रखने में मदद करते हैं । सेब विटामिन सी, घुलनशील फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं। सेब में पाया जाने वाला पेक्टिन शरीर को डिटॉक्सीफाई करने, हानिकारक और विषाक्त पदार्थों को दूर करने और इंसुलिन मेंटेन करने में सहायक होता है। इसके अलावा, सेब कुछ कैंसर , हृदय रोग, और नेत्र रोग, मधुमेह की जटिलताओं के जोखिम को कम कर सकते हैं। डॉ स्मिता ने बताया कि, “इन सबके अलावा संतुलित आहार का पालन करके कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद लें और धूम्रपान, शराब पीना, जंक फूड्स का सेवन और चीनी युक्त खाद्य पदार्थों से परहेज करके जीवनशैली में कुछ बदलाव करने चाहिए ।”