नई दिल्ली । बिहार के कई जिलों में बाढ़ ने प्रलय मचा दी है। पटना में गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा है। जबकि बिहार के कई शहरों को सिस्टम की नाकामी से बाढ़ ने घेर लिया है। नालंदा, मोतिहारी, खगड़िया, मुज़फ्फरपुर, छपरा और पटना समेत कई जिले बाढ़ की चपेट में हैं। बिहार के बेतिया में योगापट्टी प्रखंड क्षेत्र के जरलपुर खुटवनिया पंचायत में लोगों के घर पानी में डूब गए हैं। लोग पानी के बीच में किसी तरह जिंदगी बचाने का जतन कर रहे हैं। कमर तक भर गए पानी ने लोगों के जीवन को तबाह कर दिया है।
बिहार के नालंदा में भी बाढ़ ने दस्तक दी है। लगातार हो रही बारिश ने पंचाने नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार करा दिया है। सलेमपुर इलाके में 50 से ज्यादा घरों में बाढ़ का पानी घुस आया है, लोगों की गृहस्थी पानी में डूबने लगी है। बाढ़ ने यहां रहने वालों पर भयानक कहर बरपाया है। करीब 350 बीघे में फैली भिंडी, बैगन और बोरा की फसलें पूरी तरह से पानी में डूब गई हैं।
उत्तराखंड में नदियां उफान पर हैं और पहाड़ टूट रहे हैं। नदी और पहाड़ सड़कों को निगल गए हैं। आंकड़े बताते हैं कि उत्तराखंड में हर साल बाढ़ और बारिश से करीब 64 करोड़ का नुकसान होता है। उत्तराखंड कई तरह की आपदाओं के लिहाज से बेहद संवेदनशील है।
उत्तराखंड के चमोली, ऋषिकेश, चंपावत, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ और रुद्रप्रयाग समेत कई इलाकों में बाढ़, बारिश और भूस्खलन का कहर जारी है। उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में पिछले तीन दिन से जारी बारिश ने जन-जीवन को बुरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। मानसूनी बरसात के बाद गंगा, अलकनंदा, मंदाकिनी, पिंडर जैसी नदियां अपनी हंदे लांघ रही हैं। रुद्रप्रयाग से लेकर ऋषिकेश तक नदी किनारे रहने वालों के बीच ऐलान कर दिया गया है कि वो सुरक्षित स्थानों पर पहुंच जाएं।
गुजरात में भी कई गांवों में घर कमर तक पानी में डूब गए हैं। लोगों को एक जगह से दूसरी जगह जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। राजकोट में सड़कें पानी से लबालब हैं।