नई दिल्ली : केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए जल्दी ही बड़ी खुशखबरी मिलने वाली है. सरकार अब 18 महीने के डीए एरियर (18 Months DA Arrear) पर फैसला सुना सकती है. दरअसल, लम्बे इंतजार के बाद अब पेंशनर्स ने इस मामले का हल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से निकालने को कहा है. पेंशनर्स के संगठन ने इसके लिए एक ज्ञापन भी सौंपा है. इस ज्ञापन में पीएम मोदी से आग्रह किया गया है कि जल्दी इस विषय पर फैसला दिया जाए. अगर ऐसा होता है तो केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनर्स के खाते में बड़ी रकम आएगी.
कर्मचारी इस 18 महीने के डीए एरियर को लेकर अपनी मांग पर डटे हुए हैं. अगर केंद्रीय कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग (7th Pay commission) के तहत DA Arrear का बकाया मिलता है कर्मचारियों के खाते में मोटी रकम आएगी. नेशनल काउंसिल ऑफ JCM (स्टाफ साइड) के शिव गोपाल मिश्रा के अनुसार, लेवल-1 के कर्मचारियों का DA एरियर 11,880 रुपए से लेकर 37,554 रुपये के बीच बनता है. वहीं, लेवल-13 (7th CPC बेसिक पे-स्केल 1,23,100 रुपए से 2,15,900 रुपये या लेवल-14 (पे-स्केल) के लिए कैलकुलेशन की जाएगी तो एक कर्मचारी के हाथ में DA एरियर का 1,44,200 रुपये से 2,18,200 रुपये का भुगतान किया जाएगा.
पेंशनर्स का कहना है कि 18 महीने का बकाया बड़ी रकम है और उनके जीवनयापन के लिए एकमात्र स्रोत है. ऐसे में इस पैसे को रोकना कहीं से भी पेंशनर्स के हित में नहीं है. गौरतलब है कि कोविड-19 महामारी (Covid-19 Pandemic) की वजह से मई 2020 से 30 जून 2021 तक DA बढ़ोतरी को रोका गया था. इसके बाद 1 जुलाई 2021 से महंगाई भत्ता बहाल हो चुका है, जिसका फायदा पेंशनर्स और कर्मचारियों दोनों को मिल रहा है.
गौरतलब है कि कोरोना काल के बाद केंद्र सरकार ने 1 जुलाई 2020 से महंगाई भत्ते को एकमुश्त 11 फीसदी बढ़ाया था. लेकिन, उस अवधि (18 महीने) के दौरान महंगाई भत्ते का एरियर अब तक कर्मचारियों को नहीं दिया गया. इस विषय पर पिछले साल वित्त मंत्रालय की तरफ कहा गया कि फ्रीज महंगाई भत्ते की एवज में एरियर का भुगतान नहीं होगा. लेकिन, दूसरी तरफ संगठनों की डिमांड के चलते सरकार पर लगातार प्रेशर बढ़ता जा रहा है. फिलहाल, केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 34 फीसदी से बढ़कर 38 फीसदी हो गया है.
दरअसल, पेंशनर्स ने यह अपील की है कि ‘वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) को एक जनवरी, 2020 से 30 जून 2021 के बीच रोके गए DA/DR के एरियर को देना चाहिए. इस पर तत्काल कार्रवाई पर हम अत्यंत आभारी रहेंगे.’ पेंशनर्स का तर्क है कि डीए/डीआर जब रोका गया था तब खुदरा मुद्रास्फीति तेजी से बढ़ी थी और पेट्रोल-डीजल की कीमतें, खाद्य तेल और दलहन के दाम भी रिकॉर्ड ऊंचाई पर थे. ऐसे में ये बकाया एरियर का पैसा सरकार को नहीं रोकना चाहिए.