नई दिल्ली.
नेपाल में एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाले और पढ़ने जाने वाले भारतीय छात्रों को सावधान होने की जरूरत है, नहीं तो उनका डॉक्टर बनने का सपना हमेशा के लिए अधूरा रह सकता है। नेपाल में इस वक्त एमबीबीएस के लिए एडमिशन की शुरुआत हो चुकी है। लेकिन एक्सपर्ट्स ने भारतीय छात्रों को चेतावनी दी है कि नेपाल के मेडिकल कॉलेज भारत में प्रैक्टिस करने के लिए जरूरी 'फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट लाइसेंस' (FMGL) रेगुलेशन्स, 2021 के मानकों को पूरा नहीं कर रहे हैं।
इसका मतलब है कि जिन भारतीय छात्रों ने 2021 के बाद नेपाल में MBBS या BDS की पढ़ाई के लिए एडमिशन लिया है या फिर जो वहां पढ़ने जा रहे हैं, उनके लिए अभी अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है। दरअसल, FMGL रेगुलेशन्स में कहा गया है कि अगर कोई छात्र विदेश में मेडिकल की पढ़ाई करता है तो उसे सबसे पहले उस देश में प्रैक्टिस का लाइसेंस हासिल करना होगा, जिसके बाद ही वह भारत में प्रैक्टिस के लिए एलिजिबिल हो जाएगा। इस पूरे विवाद की जगह नेपाल में मिलने वाला लाइसेंस है।
हाल ही में नेपाल मेडिकल काउंसिल (NMC) की तरफ से एक नोटिफिकेशन जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि नेपाल में मेडिकल प्रैक्टिस के लिए मिलने वाले लाइसेंस को देने के मामले में अंतरराष्ट्रीय छात्रों को स्थानीय नागरिकों के समान नहीं माना जाएगा। इसका मतलब हुआ कि जो भारतीय छात्र नेपाल में एमबीबीएस कर रहे हैं या करेंगे, उन्हें मेडिकल प्रैक्टिस का लाइसेंस नहीं मिल पाएगा। ऐसा होने की स्थिति में वह भारत में आकर मेडिकल प्रैक्टिस करने के लिए भी एलिजिबिल नहीं होंगे।