नई दिल्ली : महंगाई के मोर्चे पर सरकार को बड़ी कामयाबी मिली है। खुदरा और थोक दोनों महंगाई दर में भारी गिरावट दर्ज की गई है। बुधवार को नवंबर महीने के लिए थोक महंगाई (Wholesale inflation) के आंकड़े जारी हुए। इनके अनुसार पिछले महीने थोक महंगाई 21 महीने के निचले स्तर पर रही है। इससे पहले सोमवार को खुदरा महंगाई (Retail Inflation) के आंकड़े सामने आए थे।
यह 11 महीने के निचले स्तर पर दर्ज हुई थी। मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स, फ्यूल और खाद्य वस्तुओं की कीमतों में नरमी से थोक कीमतों पर आधारित महंगाई में यह भारी गिरावट आई। नवंबर में यह घटकर 5.85 फीसदी पर आ गई। थोक मूल्य सूचकांक (WPI) पर आधारित मुद्रास्फीति में मई से गिरावट आ रही है। अक्टूबर में यह घटकर एक डिजिट में यानी 8.39 फीसदी पर आ गई थी।
उद्योग एवं वाणिज्य मंत्रालय ने बुधवार को कहा, ‘नवंबर, 2022 में मुद्रास्फीति की दर में कमी आने की मुख्य वजह खाद्य पदार्थों, मूल धातुओं, कपड़ा, रसायन एवं रासायनिक उत्पाद, कागज एवं इससे बने उत्पादों के दामों में गिरावट आना है।’ नवंबर, 2022 से पहले मुद्रास्फीति का निचला स्तर फरवरी, 2021 में रहा था। उस समय यह 4.83 फीसदी पर थी।
नवंबर में खाद्य वस्तुओं की कीमतों (Prices of Food Items) में भारी गिरावट आई है। पिछले महीने खाद्य वस्तुओं की थोक महंगाई घटकर 2.17 फीसदी पर आ गई। यह अक्टूबर में 6.48 फीसदी थी। खाद्य वस्तुओं में फलों, सब्जियों विशेषकर टमाटर और आलू के दामों में कमी आई है। हालांकि गेहूं, दाल और दुग्ध उत्पादों के दाम बढ़े हैं। प्राइमरी आर्टिकल्स की थोक महंगाई की बात करें, तो यह नवंबर में घटकर 5.52 फीसदी पर आ गई। यह अक्टूबर में 11.04 फीसदी पर थी।
सरकार ने सोमवार को नवंबर महीने के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित खुदरा महंगाई के आंकड़े जारी किये थे। देश में खुदरा महंगाई 11 महीने के निचले स्तर पर आ गई है। आंकड़े बताते हैं कि नवंबर में खुदरा महंगाई गिरकर 5.88 फीसदी पर आ गई। इससे पहले अक्टूबर 2022 में खुदरा महंगाई 6.77 फीसदी रही थी। वहीं, पिछले साल नवंबर में यह 4.91 फीसदी रही थी।