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आम आदमी को मिली राहत : 6 राज्यों ने पेट्रोल-डीजल से हटाया वैट, जाने कितना सस्ता हुआ पेट्रोल

दिल्ली Published by: Paliwalwani Updated Thu, 04 Nov 2021 02:39 AM
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नई दिल्ली. सरकार ने आम लोगों को महंगाई से कुछ राहत देने के लिये बुधवार को महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए . ईंधन के दाम रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बाद केंद्र ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में क्रमश: पांच रुपये तथा 10 रुपये की कटौती की है. सरकार के इस फैसले के बाद कई राज्यों में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी का ऐलान किया गया है. असम सरकार ने बुधवार को पेट्रोल और डीजल पर से 7 रुपये वैट घटा दिया है. वहीं बिहार सरकार ने भी पेट्रोल-डीजल के वैट में 1.30 रुपये और 1.90 रुपये की घटाए गए हैं. वहीं कर्नाटक सरकार ने भी पेट्रोल और डीजल से 7 रुपये वैट घटाने का ऐलान किया है.

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने एक ट्वीट में कहा, “कर्नाटक राज्य सरकार ने डीजल और पेट्रोल की कीमत में 7 रुपये प्रति लीटर की कमी करने का फैसला किया है. इससे सरकारी खजाने को 2,100 करोड़ रुपये का नुकसान होगा.” उन्होंने कहा कि इससे राज्य में पेट्रोल की कीमत 95.50 प्रति लीटर और डीजल की कीमत 81.50 रुपये प्रति लीटर हो जाएगी.

असम में भी कम किए गए दाम

वहीं असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने कहा कि, “माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसले के मुताबिक, मुझे यह घोषणा करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि असम सरकार भी पेट्रोल और डीजल पर वैट 7/- रुपये तत्काल प्रभाव से कम करेगी.” भाजपा के राज्यसभा सांसद और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने एक ट्वीट में कहा, “बिहार में राज्य वैट में पेट्रोल पर 1.30 रुपये और डीजल पर 1.90 रुपये के अलावा उत्पाद शुल्क में 5 रुपये और 10 रुपये की कटौती की जाएगी. इससे पेट्रोल 6.30 रुपये और डीजल 11.90 रुपये सस्ता होगा.”

गोवा सरकार ने भी पेट्रोल और डीजल के दामों में 7 रुपये की अतिरिक्त कमी की गई जिससे डीजल की कीमतों में 17 रुपये प्रति लीटर और पेट्रोल की कीमतों में 12 रुपये प्रति लीटर की कमी की गई है.

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब ने भी 7 रुपये की कटौती का ऐलान किया है.

वहीं कांग्रेस ने केंद्र सरकार की ओर से पेट्रोल एवं डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती किए जाने को हालिया उपचुनावों में ‘भाजपा की हार’ के कारण उठाया गया कदम करार दिया और कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों के दाम साल 2014 में यूपीए सरकार के समय की कीमत के बराबर होने चाहिए.

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