नई दिल्ली. केंद्र सरकार के आदेशों के बाद अब दिल्ली सरकार के कर्मचारियों की लेटलतीफी पर अंकुश लगाने की तैयारी की जा रही है. चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार के आदेशों पर ऐसे कर्मचारियों पर नकेल कसने की तैयारी की जा रही है, जो अक्सर ऑफिस मनमर्जी से आते हैं या फिर टाइम से आना पसंद नहीं करते.
इन कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए दिल्ली सचिवालय और सभी सरकारी विभागों में बॉयोमेट्रिक मशीनें लगाई गई हैं, जिसमें अगर वे ऑफिस टाइम से 15 मिनट की देरी से अटेंडेंस लगाते हैं तो आपके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. सरकारी कर्मचारियों के ऑफिस आने जाने की टाइमिंग का पता लगाने के लिए प्रशासनिक सुधार विभाग और विजिलेंस विभाग की टीम भी गठित की गई है.
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली सरकार के अधीनस्थ 72 विभागों में करीब 9-10 हजार कर्मचारी काम करते हैं. इनमें से बड़ी लोग संख्या में दिल्ली सचिवालय, विकास भवन, विकास भवन-2 सिविल लाइन मार्ग, आईटीओ स्थित ट्रेड एंड टैक्स, जीएसटी और आबकारी विभाग के अलावा राजस्व विभाग, जिला उपायुक्त (राजस्व) कार्यालय, परिवहन विभाग, शिक्षा विभाग, समाज कल्याण, दिल्ली जल बोर्ड आदि विभागों में काम रहे हैं.
कोरोना काल में बॉयोमेट्रिक सिस्टम से मिली थी छूट: 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार ने देशभर में सरकारी कर्मचारियों के लिए दफ्तरों में आने जाने का समय सुनिश्चित करने के लिए बायोमेट्रिक सिस्टम लागू करने का निर्णय लिया था. हालांकि कुछ कर्मचारियों की ओर से लंबी दूरी का हवाला देते इसका विरोध भी किया गया था. कोरोना काल के दौरान इसे हटा दिया गया था. लेकिन अब एक बार फिर से इस व्यवस्था को सख्ती से लागू कराने पर जोर दिया जा रहा है.