एप डाउनलोड करें

नागरिक उड्डयन मंत्रालय का आदेश : सिख कर्मचारियों के कृपाण रखने पर सिविल एविएशन ने जारी किया संशोधित आदेश, लगाई ये शर्त

दिल्ली Published by: Paliwalwani Updated Tue, 15 Mar 2022 07:45 PM
विज्ञापन
Follow Us
विज्ञापन

वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने हाल के उस आदेश में संशोधन किया है जिसमें कर्मचारियों को हवाई अड्डों पर कृपाण ले जाने से प्रतिबंधित किया गया था। अब सिखों को भारत में हवाई अड्डों के साथ हवाई जहाज में भी कृपाण ले जाने की इजाजत होगी लेकिन इसके साथ सरकार ने एक शर्ते भी जोड़ी है।

नई शर्तों के मुताबिक कोई भी सिख यात्री अपने साथ कृपाण ले जा सकता है लेकिन कृपाण का ब्लेड 15.24 सेंटीमीटर और 6 इंच से ज्यादा लंबा नहीं होनी चाहिए। इसके साथ कृपाण की कुल लंबाई 9 इंच से अधिक न हो। सिखों को कृपाण रखने की इजाजत सिर्फ भारतीय हवाई जहाज में सिर्फ भारत में यात्रा करने पर दी गई है। इससे पहले नागरिक उड्डयन मंत्रालय के आदेश में हवाई अड्डों पर सिख कर्मचारियों और यात्रियों के कृपाण रखने पर प्रतिबंधित लगा दिया था। जिसे अब हटा लिया गया है।

हाल ही में अमृतसर के श्री गुरु राम दास जी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे नए नियमों के तहत सिख कर्मचारी को कृपाण रखने से रोक दिया था जिसके बाद सिख धार्मिक संगठनों ने इसके खिलाफ आवाज उठाई थी। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने सरकार के द्वारा सिख कर्मचारियों को हवाई अड्डे पर कृपाण रखने से रोकने को लेकर नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को पत्र लिखा था।

धामी ने पत्र में लिखा था कि “हमारे अपने देश में सिखों की धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला किया जा रहा है। केंद्र को यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि इस देश की आजादी के लिए कुर्बानी देने में सिख सबसे आगे रहे हैं और देश की संस्कृति आज भी कायम है तो सिखों की वजह से है।”

सिख धर्म में कृपाण का विशेष महत्व है एक सिख को जिन पांच चीजों को धारण करना होता है उसमें कृपाण सबसे अहम मानी जाती है। कृपाण को वीरता और सहास की निशानी समझा जाता है। सिख पुरुष को कमर में बंधता है या फिर अपने साथ पर्श या फिर बैग में रखता है।

और पढ़ें...
विज्ञापन
Next