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लाखों कर्मचारियों को लाभ होगा : कर्मचारियों को मिलेंगे ये फायदे : पेंशन के नियम में सरकार ने किया बड़ा बदलाव

दिल्ली Published by: Sunil Paliwal-Anil Bagora Updated Wed, 19 Aug 2020 10:57 PM
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नई दिल्ली । केंद्रीय कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है। सरकार ने कर्मचारियों के लिए पेंशन नियमों में बदलाव किया है। इसके बाद अब किसी कर्मचारी की असामयिक मृत्‍यु पर उसके आश्रितों या परिजनों को प्रोविजनल पेंशन के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। सरकार ने सीसीएस (पेंशन) नियम 1972 के नियम 80ए के अंतर्गत कुछ प्रावधानों में ढील दे दी है ताकि क्‍लेम करते समय समस्‍या ना आए। सरकार के इस कदम से देश के लाखों कर्मचारियों को लाभ होगा।

अभी तक प्रचलित नियम के अनुसार फार्म नंबर 14 के साथ अगर संबंधित कर्मचारी का मृत्‍यु प्रमाण-पत्र और बैंक संबंधी विवरण यदि दिया जाता है और इन कागजातों से मुख्‍यालय को आपत्ति नहीं है तो फैमिली पेंशन की राशि उसी समय जारी कर दी जाती है। हालांकि मृत्‍यु होने की दशा में ग्रेच्‍युटी जारी किए जाने के नियमों में फिलहाल कोई परिवर्तन नहीं है। अगर किसी कर्मचारी की प्रोविजनल पेंशन अधिक बन गई है तो बाद में इस राशि को मृत्‍यु ग्रेच्‍युटी से बनने वाली राशि से काटकर समायोजित कर लिया जाएगा। केंद्रीय सशस्‍त्र पुलिस बलों के जवानों के लिए अब यह नया नियम बनाया गया है कि यदि सेवाकाल की अवधि में ही उनकी मृत्‍यु हो जाती है तो उनके आश्रितों, परिजनों को प्रोविजनल पेंशन का तुरंत भुगतान कर दिया जाएगा। इस केस में फाइनल ऑपरेशनल केजुअल्‍टी की रिपोर्ट के लिए भी प्रतीक्षा नहीं करना होगी।

कर्मचारियों को होगी यह सुविधा : नए नियमों के बाद अब कर्मचारी के परिजनों को कई सुविधाएं मिलेंगी। किसी कर्मचारी का सेवा काल जितने भी समय का रहा हो, पेंशन के भुगतान में यह बात अब आड़े नहीं आएगी। पेंशन की राशि जारी होने के लिए अब सेवा की जांच भी अनिवार्य नहीं है। अभी तक केवल ग्रेज्‍चुटी के मामलों में सेवाकाल को देखा जाता रहा है। अगर किसी कर्मचारी पर कुछ ड्यूज निकलता है तो वह राशि मृत्‍यु ग्रेच्‍युटी में से काट ली जाएगी। मंजूर हुई पेंशन का भुगतान आरंभ में कर्मचारी की मौत की तारीख से 6 माह बाद तक जारी किया जाएगा। वेतन और लेखा विभाग की सलाह एवं एचओडी की मंजूरी के साथ ही इस प्रकार की इंटरिम फैमिली पेंशन की अवधि को एक बार में 6 माह से अधिक समय के लिए नहीं बढ़ाया जाएगा।

अभी यह है व्‍यवस्‍था : सिविल सर्विस कोड के अनुसार मौजूदा नियम यह है कि सेवा अवधि के दौरान यदि किसी शासकीय कर्मचारी की मौत हो जाती है तो उसके नामित, परिजनों को उसकी पेंशन की राशि एवं डेथ ग्रेच्‍युटी की राशि प्रदान की जाती है। हालांकि इस प्रक्रिया में काफी समय लग जाता है। ऐसे में मृतक के परिजनों को बहुत असुविधा का सामना करना पड़ता है। विभाग का प्रमुख इस प्रोविजनल पेंशन के भुगतान को स्‍वीकृत करना है। नियम 80 के अंतर्गत विभाग प्रमुख, लेखा एवं भुगतान शाखा के पास उस प्रकरण को भेजता है। यहां आवेदक से कई प्रकार के कागजात मांगे जाते हैं। इन्‍हें जुटाना कठिन होता है। यदि इन्‍हें प्रस्‍तुत कर भी दिया जाए तो भी राशि प्राप्‍त करने में लंबा समय लग जाता है। चूंकि इन प्रकरणों की अधिकता होती है, ऐसे में इनके निपटारे में वक्‍त लग जाता है। लेकिन अब केंद्र सरकार ने फैसला लिया है कि नियम 54 (2) (पप) सीसीएस (पेंशन) नियम के तहत पेंशन की राशि उसे भी दी जाएगी जिसकी सेवा की अवधि एक साल से भी कम है।

● पालीवाल वाणी ब्यूरो-Sunil Paliwal-Anil Bagora...✍️

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