भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से रेपो दर में एक बार फिर बढ़ोतरी किए जाने के बाद बैंकों और अन्य फाइनेंशियल संस्थानों ने भी फौरन अपने ऑटो लोन होम लोन और पर्सनल लोन पर ब्याज दरों को बढ़ा दिया है. इसस ये सारे लोन महंगे हो गए हैं. RBI बैंकों को उनकी लघु अवधि की उधारी जरूरतों के लिए रेपो रेट पर लोन देता है. इस तरह रेपो रेट में बढ़ोतरी करने से बैंकों को आरबीआई से मिलने वाला कर्ज महंगा हो जाता है और फिर वे अपनी तरफ से रिटेल ग्राहकों को दिए जाने वाले लोन पर लगने वाली ब्याज दरें भी बढ़ा देते हैं. एक अक्टूबर 2019 से सभी बैंकों को आरबीआई की रेपो दर या ट्रेजरी बिल प्रतिफल जैसे बाहरी मानक से जुड़ी ब्याज दर पर ही उधार देना होगा.
आईसीआईसीआई बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी), बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक और देश के प्रमुख होम लोन लेंडर एचडीएफसी लिमिटेड सहित कई बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने अपने ग्राहकों के लिए लोन दरों में वृद्धि करने की घोषणा पिछले दो दिनों में की है.
आरबीआई ने आठ जून को अपनी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में रेपो दर में 0.50 फीसदी की बड़ी बढ़ोतरी करने की घोषणा की थी. इसके पहले पिछले महीने चार मई को भी आरबीआई ने बिना किसी पूर्व-निर्धारित योजना के अचानक ही रेपो दर में 0.40 फीसदी की बढ़ोतरी की थी. इस तरह बहुत कम समय में ही रेपो दर में कुल 0.90 फीसदी बढ़ोतरी की जा चुकी है. अब रेपो दर 4.90 फीसदी हो चुकी है. महंगाई के दबावों से निपटने के लिए आरबीआई ने रेपो दर में बढ़ोतरी का फैसला किया है.
देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने मौद्रिक नीति की घोषणा से कुछ दिन पहले ही अपने ईबीएलआर को संशोधित किया था.
इसके फौरन बाद निजी क्षेत्र के आईसीआईसीआई बैंक ने रेपो से जुड़ी बाह्य मानक उधारी दर (ईबीएलआर) को 8.10 फीसदी से बढ़ाकर 8.60 फीसदी कर दिया.
सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक ने भी रेपो-संबद्ध उधारी दर (आरएलएलआर) को पहले के 6.90 फीसदी से बढ़ाकर 7.40 फीसदी कर दिया है. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ बड़ौदा ने भी आरएलएलआर को बढ़ाकर 7.40 फीसदी कर दिया है.
निजी क्षेत्र के एचडीएफसी लिमिटेड ने आवास लोन के लिए अपनी खुदरा प्रधान उधारी दर (आरपीएलआर) में भी 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी है.
इंडियन बैंक ने आरएलएलआर बढ़ाकर 7.70 फीसदी और बैंक ऑफ इंडिया ने 7.75 फीसदी कर दिया है. चेन्नई स्थित इंडियन ओवरसीज बैंक ने भी आरएलएलआर को बढ़ाकर 7.75 फीसदी कर दिया है. पुणे स्थित बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने भी तत्काल प्रभाव से आरएलएलआर को 7.20 फीसदी से बढ़ाकर 7.70 फीसदी कर दिया है.
केनरा बैंक ने सात जून से ही एक वर्षीय एमसीएलआर 7.35 फीसदी से बढ़ाकर 7.40 फीसदी कर दिया था.