दिल्ली. किसान संसद के लिए रोजाना करीब 200 प्रदर्शनकारी 5 बसों में बैठ कर सुबह सिंघु बॉर्डर से रवाना होंगे और जंतर मंतर पर रोज विरोध प्रदर्शन करेगें और शाम 5 बजे वापसी करेंगे. काले कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर विगत 8 महीनों से दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन कर रहे, किसान संगठन कल 22 जुलाई 2021 से मानसून सत्र खत्म होने तक दिनांक 13 अगस्त 2021 तक रोज संसद के करीब जंतर मंतर पर प्रदर्शन करेंगे. संयुक्त किसान मोर्चा ने इसे ’किसान संसद’ का नाम दिया है. वहीं संसद में सरकार ने जवाब दिया कि ’किसान आंदोलन के दौरान हुई किसानों की मौत का आंकड़ा उपलब्ध नहीं है. इस वाक्य की कड़ी निंदा करते करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा ने दावा किया है कि 10 जुलाई 2021 तक 537 किसान शहीद हो चुके हैं. ’किसान संसद’ के लिए रोजाना करीब 200 प्रदर्शनकारी 5 बसों में बैठ कर सुबह सिंघु बॉर्डर से रवाना होंगे और जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन कर शाम 5 : 00 बजे वापसी करेंगे. प्रदर्शनकारी जत्थे में देशभर के किसान संगठनों के प्रतिनिधि होंगे. असामाजिक तत्वों को दूर रखने के लिए सभी प्रदर्शनकारियों को परिचय पत्र दिया जाएगा. निगरानी के लिए किसान संगठन के स्वयंसेवक भी रहेंगे. एसकेएम सूत्रों के मुताबिक संसद के पास प्रदर्शन के लिए दिल्ली पुलिस की तरफ से लिखित इजाजत नहीं मिली है...! किसानों की हुई मौत के आंकड़े को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा जारी बयान में कहा गया है, यह शर्मनाक और खेदजनक बात है कि सरकार कह रही है कि आंदोलन के दौरान मारे गए आंदोलनकारी किसानों की संख्या का उसके पास कोई आंकड़ा नहीं है. यह सच हो सकता है कि इस कठोर सरकार ने रिकॉर्ड नहीं रखा होगा. बीते 10 जुलाई 2021 तक 537 किसान शहीद हो चुके हैं. एक ब्लॉग साइट (humancostoffarmersprotest.blogspot.com) का पता साझा करते हुए मोर्चा ने कहा है कि इस पर सभी मृत किसानों की जानकारी उपलब्ध है.