नई दिल्ली : (जेएनएन) हॉन्गकॉन्ग की एक बहुराष्ट्रीय कंपनी को डीपफेक तकनीक का शिकार बनाया गया है। एआइ के जरिये कंपनी से 20 करोड़ हॉन्गकॉन्ग डॉलर की ठगी की गई है। यह राशि 200 करोड़ रुपये से भी अधिक है। माना जा रहा है कि यह डीपफेक तकनीक से की गई सबसे बड़ी ठगी है। हॉन्गकॉन्ग पुलिस ने यह नहीं बताया कि किस कंपनी के साथ ठगी की गई है। मामले की जांच चल रही है। अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।
डीपफेक तकनीक में नकली वीडियो या ऑडियो रिकॉर्डिंग बनाने के लिए एआइ टूल का उपयोग किया जाता है। ये देखने में असली जैसे लगते हैं। साउथ चाइना मार्निंग पोस्ट की रविवार की रिपोर्ट के मुताबिक, साइबर अपराधियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कॉल करके कंपनी को निशाना बनाया। इस दौरान डीपफेक तकनीक के जरिये कंपनी के सीएफओ के साथ अन्य कर्मियों का एआइ अवतार तैयार किया।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान डीपफेक टेक्नोलॉजी की मदद से मौजूद सीएफओ समेत सभी अधिकारी और कर्मचारी फर्जी थे। इसी दौरान फर्जी सीएफओ ने कंपनी की हॉन्गकॉन्ग शाखा के वित्त विभाग के एक कर्मचारी को हॉन्गकॉन्ग के पांच अलग-अलग बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर करने को कहा। सीएफओ के आदेश का पालन करते हुए यह पैसे ट्रांसफर कर दिए गए।
कर्मचारी ने पुलिस को बताया कि इस कंपनी का सीएफओ ब्रिटेन में था। जब डीपफेक वीडियो कॉल की गई तो उसे लगा कि सीएफओ समेत सभी कर्मचारी असली हैं। वह इनमें से कई को जानता था। इसलिए वह झांसे में आ गया और हॉन्गकॉन्ग के पांच बैंक खातों में 15 बार में कुल मिलाकर 20 करोड़ हॉन्गकॉन्ग डॉलर ट्रांसफर किए। अधिकारियों को लगभग एक सप्ताह बाद ठगी का अहसास हुआ, जिसके बाद पुलिस जांच शुरू हुई।