पॉश इलाके में देह व्यापार का भंडाफोड़
रायपुर :
जिस पर वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में आज दिनांक 24 जून 2023 को उप पुलिस अधीक्षक क्राईम श्री दिनेश सिन्हा, नगर पुलिस अधीक्षक सिविल लाइन श्री मनोज धु्रव, उप पुलिस अधीक्षक आई.यू.सी.ए.डब्ल्यू सुश्री ललिता मेहर, थाना प्रभारी सिविल लाईन श्रीमती अर्चना धुरंधर सहित एण्टी क्राईम एण्ड साईबर यूनिट तथा महिला रक्षा टीम रायपुर की संयुक्त टीम द्वारा थाना सिविल लाईन क्षेत्रांतर्गत शंकर नगर स्थित ब्लू मून स्पॉ सेंटर में रेड कार्यवाही कर मकान मालिक अशोक बारत एवं मैनेजर आकाश साहू व सहायक मैनेजर विवेक साहू को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से घटना से संबंधित 3 नग मोबाईल फोन जप्त किया गया है। ब्लू मून स्पॉ सेंटर का संचालक कुनाल राठी फरार है, जिसकी पतासाजी कर गिरफ्तार करने के हर संभव प्रयास किये जा रहे है।
इसी प्रकार टीम के सदस्यों द्वारा थाना सिविल लाईन क्षेत्रांतर्गत शंकर नगर स्थित द माइंड वेलनेस स्पॉ सेंटर में रेड कार्यवाही कर स्पॉ की मैनेजर आशियाना यादव (थर्ड जेंडर) एवं सहायक मैनेजर राकेश महानंद को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से घटना से संबंधित 2 नग मोबाईल फोन जप्त किया गया है। द माइंड वेलनेस स्पॉ सेंटर का संचालक पिंटू जायसवाल फरार है, जिसकी पतासाजी कर गिरफ्तार करने के हर संभव प्रयास किये जा रहे है।
गिरफ्तार आरोपियों से जप्त मोबाईल फोन को चेक करने पर आरोपियों द्वारा देह व्यापार संचालित करना पाया गया है, आरोपियान अपने मोबाईल फोन से विभिन्न ग्राहकों के मोबाईल फोन में अलग – अलग महिलाओं की फोटो भेजकर देह व्यापार संचालित कर रहे थे, इसके साथ ही मोबाईल फोन में अन्य कई ऐसे ग्रुप भी पाये गये है जिनमें संपूर्ण भारत में आरोपियों द्वारा देह व्यापार करने के संबंध में चेट है।
रेड कार्यवाही के दौरान दोनों स्पॉ सेंटर से आपत्तिजनक वस्तुयें प्राप्त हुई है तथा दोनों स्पॉ सेंटरों से देह व्यापार में संलिप्त कुल 13 महिलाओं को भी थाना लाकर उनका बयान दर्ज किया जा रहा है।
आरोपियों के विरूद्ध थाना सिविल लाईन में अपराध क्रमांक 310/23 एवं 311/23 धारा 370, 374 भादवि. तथा 4, 5, 7 पीटा एक्ट का अपराध पंजीबद्ध कर कार्यवाही करने के साथ ही देह व्यापार में संलिप्त 13 महिलाओं को भी थाना लाकर उनका बयान दर्ज किया जा रहा है। उच्चतम न्यायालय, नई दिल्ली द्वारा हाल ही में जारी किये गये आदेश का पालन करते हुए महिलाओं के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की गई है तथा महिलाओं को साक्ष्य सूची में शामिल कर उनका बयान लिया जा रहा है।