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एक महिला ने Whatsapp पर लिख दिया कुछ ऐसा की कोर्ट ने सुना दी फांसी की सजा? जानिए..

अपराध Published by: Paliwalwani Updated Sun, 23 Jan 2022 12:24 PM
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पाकिस्तान से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें कोर्ट ने एक महिला को फांसी की सजा सुनाई है। दरअसल, यह मामला ईशनिंदा के आरोप से जुड़ा है। महिला पर आरोप है कि उसने व्हाट्सएप पर भेजे गए संदेश में पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ अपशब्दों का प्रयोग किया था। मामला थोड़ा सा पुराना है, लेकिन बीते दिनों ही महिला को फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद से चर्चा में है।

महिला पर ईशनिंदा (Blasphemy) के आरोप वाला यह मामला कोर्ट से जुड़ा हुआ है। इस मामले में फारुक हसनात नाम के व्यक्ति की शिकायत पर रावलपिंडी कोर्ट ने सजा का एलान किया है। फारुक हसनात की शिकायत पर कोर्ट ने महिला को साइबर कानूनों के उल्लंघन, धर्म अपमान व पैगंबर मोहम्मद की अवमानना का दोषी पाया है।

जानकारी के अनुसार, आरोपी अनिका अतीक ने साल 2020 में व्हाट्सएप पर फारुक को भेजे गए एक संदेश में से जुड़ी कुछ बातें साझा की थी। जिन पर सवाल खड़ा करते हए फारुक ने कहा था कि वे ऐसे मैसेज को तुरंत डिलीट करें और माफी मांगे, लेकिन महिला ने ऐसा करने से इंकार कर दिया था। महिला के मना करने के बाद फारुक ने स्थानीय पुलिस स्टेशन में इसकी शिकायत दर्ज कर दी थी, जिसके बाद अनिका अतीक को गिरफ्तार कर लिया गया था।

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि, फारुक हसनात और आरोपी महिला दोनों कभी दोस्त हुआ करते थे। कुछ साल पहले ही उनमें झगड़ा हो गया और महिला ने गुस्से में पर ईशनिंदा से जुड़े कुछ संदेश फारुक को भेज दिए थे। पहले तो महिला से इसे डिलीट करने को कहा गया, लेकिन उसके इंकार करने के बाद नौबत कोर्ट तक आ पहुंची। अब रावलपिंडी कोर्ट (Rawalpindi Court) ने इस मामले में महिला को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई है।

पाकिस्तान में ईशनिंदा के कानून को 80 के दशक में पूर्व सैन्य तानाशाह जियाउल हक के द्वारा लाया गया था। इन कानूनों के तहत कई बार मौत की सजा सुनाई जा चुकी है। हालांकि, अभी तक किसी को भी फांसी नहीं दी गई है। बीते साल ही एक मामला सामने आया था, जहां के नागरिक को ईशनिंदा के आरोप में भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला था। इस घटना में मारा गया गया व्यक्ति सियालकोट के कारखाने में मैनेजर के पद तैनात था।

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