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कबीरधाम में ग्रामीणों की पथराव और आगजनी से रघुनाथ साहू की मौत : पुलिस ने 92 लोगों को हिरासत में लिया

छत्तीसगढ़ Published by: paliwalwani Updated Mon, 16 Sep 2024 01:58 PM
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कबीरधाम में ग्रामीणों की पथराव और आगजनी से रघुनाथ साहू की मौत : पुलिस ने 92 लोगों को हिरासत में लिया
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छत्तीसगढ़. कबीरधाम में ग्रामीणों की पथराव और आगजनी से रघुनाथ साहू की मौत हो गई. ग्रामीण कचरू साहू की मौत को लेकर रघुनाथ साहू पर संदेह करते थे. पुलिस ने 92 लोगों को हिरासत में लिया है.

जिले के लोहारीड क्षेत्र में गांव वालों ने एक घर पर पत्थरबाजी करने के बाद उसमें आग लगा दी. इससे घर के मालिक रघुनाथ साहू की मौत हो गई और परिवार वाले घायल हो गए हैं. इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 40 लोगों को हिरासत में लिया. जांच में पाया गया कि ग्रामीणों ने गांव के ही एक शख्स कचरू साहू की हत्या के शक में रघुनाथ साहू पर हमला किया था.

दरअसल, कचरू साहू कुछ समय पहले पास के ही एक गांव में पेड़ से लटका पाया गया था. पुलिस ने बताया कि प्रथम दृष्टया मामला आत्महत्या का था. मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में आने वाले बीजाटोला गांव से कचरू साहू का शव बरामद किया गया. उसने अपने परिवार को बताया था कि वह किसी काम से बालाघाट जा रहा है और रात तक वापस आ जाएगा लेकिन अगले दिन उसकी मौत की सूचना मिली.

मृतक के परिवार वाले अस्पताल में भर्ती

समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले में छत्तीसगढ़ की कवर्धा पुलिस ने बालाघाट पुलिस ने सघन जांच करने की बात की है. कचरू साहू की मौत की बात पुलिस ने उसके घर जाकर उसके परिवार को दी. इसके बाद सुबह 11.30 बजे तक सूचना मिली कि कई गांव वालों के द्वारा एक ग्रामीण रघुनाथ साहू पर हमला किया गया और उसका घर जला दिया गया है. मामला संज्ञान में आते ही पुलिस की एक टीम घटनास्थल की ओर दौड़ी.

हमला रोकने के लिए पहुंची पुलिस ने बड़ी कोशिशों के बाद घर से तीन लोगों को बचाया लेकिन रघुनाथ साहू लापता मिला. घर से निकालने के बाद रघुनाथ की पत्नी समेत अन्य को अस्पताल में भर्ती कराया गया. कुछ समय बाद एक चोटिल बॉडी मिली जो रघुनाथ साहू की थी.

जमीन विवाद के चलते नाराज थे ग्रामीण

मृतक रघुनाथ साहू के परिवार पर हमले का सही कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है. हालांकि, कुछ ग्रामीणों ने पुलिस को बताया कि वह भूमि अतिक्रमण से संबंधित कुछ मुद्दों को लेकर रघुनाथ से नाराज़ थे. मामले में केस दर्ज कर 40 लोगों को हिरासत में लिया गया है और पूछताछ की कार्रवाई चल रही है.

पुलिस द्वारा मिली जानकारी के अनुसार, करीब 400 पुलिसकर्मियों को गांव में तैनात किया गया है. प्राथमिक जांच में पाया गया है कि गांव वालों को शक था कि रघुनाथ साहू ने ही कचरू की हत्या की है. और जमीन विवाद के चलते पेड़ से उसका शव टांग कर उसे आत्महत्या बता दिया है.

अभी अभी सूत्रों से जानकारी आई है की पोस्टमार्टम पश्चात डाक्टरों की टीम ने कचरू की आत्महत्या स्पष्ट रूप से प्रमाणित कर दिया है। पुलिस को रिपोर्ट मिलने के बाद से अब तक 92लोगो को हिरासत में लिया है।

गांव में अब बच्चे और बुजुर्ग रह गए है। कुछ हिरासत में है कुछ जंगल की ओर भाग गए है। मामला अब धीरे धीरे समझ में आता जा रहा है। घटना को लेकर लोगो ने बताया कि यह गांव में राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई भी नजर आ रही है, दो राजनीतिक दलों से जुड़े होने पर प्रतिस्पर्धा के चलते दो गुट बने हुए थे।

कुछ दिनों पूर्व ही रघुनाथ साहू की पत्नी जो सरपंच थी उसे अविश्वास प्रस्ताव कर हटाया गया था।रघुनाथ स्वयं उपसरपंच था। कचरू की आत्महत्या को रघुनाथ से जोड़कर उसके घर में परिवार को बंद कर हमला कर आग लगा दिया गया। पुलिस के बीच बचाव के चलते रघुनाथ की आग में झुलसने से मौत हो गई वही गंभीर रूप से घायल उसकी पत्नी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, गांव पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है।

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