भोपाल : राज्य निर्वाचन आयोग 24 मई 2022 तक नगरीय निकाय और पंचायत चुनावों की अधिसूचना जारी करेगा और दोनों चुनावों की वोटिंग और रिजल्ट 30 मई 2022 तक घोषित कर दिए जाएंगे। इसमें पहले नगरीय निकाय चुनाव पहले और बाद में पंचायत चुनाव कराए जाने की तैयारी है। इसकी वजह निकाय चुनावों का परिसीमन और आरक्षण दोनों कराए जा चुके हैं। इसलिए सिर्फ चुनावों की तारीखों का ऐलान किया जाना है, जबकि पंचायतों का अभी आरक्षण कराया जाना बाकी है।
राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने मंगलवार को नगरीय निकाय और पंचायत चुनावों को लेकर मैराथन बैठकें ली। सुबह आयोग के अफसरों की इंटनरल मीटिंग हुई और उसके बाद दोपहर में पंचायत एवं ग्रामीण विभाग के प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव और आयुक्त आलोक सिंह के साथ बैठक कर पंचायत चुनावों के परिसीमन की अधिसूचना जारी कर तत्काल आरक्षण कराए जाने को कहा है। शाम को नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव मनीष सिंह को नगरीय निकाय चुनाव कराए जाने को लेकर चर्चा की।
राज्य निर्वाचन आयोग गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कलेक्टरों से मीटिंग कर 30 जून तक किन तारीखों में करवाए जा सकते हैं। इस बारे में फैसला लेगा। शाम को प्रदेश में चुनाव कराए जाने के मद्देनजर कानून व्यवस्था की तैयारी को लेकर अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा और डीजीपी सुधीर सक्सेना के साथ चर्चा होगी। शाम को कंट्रोलर गवर्नमेंट प्रेस को बुलाया है। आयोग की दो चरणों में 321 नगरीय निकायों में भोपाल, इंदौर, ग्वालिर, जबलपुर समेत सभी 16 नगर निगमों के चुनाव होना है। वहीं तीन चरणों में त्रिस्तरीय पंचायतों के चुनाव कराए जाना है, जिनमें 22985 ग्राम पंचायतों के 364309 वार्डों, 313 जनपद पंचायतों के 6771 सदस्यों, और जिला पंचायतों के 875 सदस्यों का चुनाव कराए जाना है। दोनों चुनावों में 4.50 करोड़ वोटर भाग लेंगे।
प्रदेश में निकाय और पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर सियासी माहौल गरम है, लेकिन विधानसभा चुनाव में ओबीसी के लिए अलग आरक्षण नहीं है। इसके बाद भी प्रदेश की सामान्य 148 सीटों में से 65 से ज्यादा सीटों पर ओबीसी प्रत्याशी चुनाव लड़ते हैं।
आयोग के पास चुनाव कराए जाने के लिए 54 हजार ईवीएम और 1.50 लाख कंट्रोल यूनिट हैं। ईवीएम से नगरीय निकाय और पंचायतों के चुनाव कराए जाते हैं तो इसमें देरी हो सकती है। इसलिए पंचायतों में पंच और सरपंच के साथ ही जनपद सदस्यों की वोटिंग बैलेट पेपर से कराए जाने पर विचार किया जा रहा है, जबकि ईवीएम से नगरीय निकाय चुनाव कराए जाने की तैयारी है।