भोपाल : मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी में सत्ता और संगठन के बीच तालमेल की कोशिशें फिर जोर पकड़ रही हैं. मंत्रियों के कामकाज को लेकर जिला इकाइयों से मिली शिकायतों के बाद बीजेपी ने रविवार को शिवराज मंत्रिमंडल के सदस्यों की अहम बैठक बुलाई.
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, शिव प्रकाश, सीएम शिवराज सिंह चौहान और हितानंद शर्मा ने बीजेपी दफ्तर में मंत्रियों के साथ बैठक की. बैठक में मंत्रियों से 8 बिंदुओं पर जवाब मांगा गया. इस दौरान संगठन ने मंत्रियों के कामकाज पर भी नाखुशी जाहिर की.
जानकारी के मुताबिक, संगठन ने बैठक में मंत्रियों को चेताया और उनकी परफॉर्मेंस रिपोर्ट पर नारजगी जताई. बैठक में मंत्रियों से जिले के प्रवास की संख्या, कोर कमेटी की बैठक में उपस्थिति, प्रभार वाले जिलों में रात्रि विश्राम की संख्या, जिले के प्रमुख कार्यकर्ताओं के साथ भोजन की संख्या, जिला कार्यालय में जिला पदाधिकारी मंडल अध्यक्ष से हुई चर्चा की संख्या, बैठकों की संख्या, प्रशासन से हर कराई गई समस्याओं की संख्या, आपात स्थिति में प्रभार वाले जिलों में बातचीत की संख्या पूछी गई. बताया जा रहा है कि मंत्री इन सवालों का ठीक-ठाक उत्तर नहीं दे सके.
इस पर संगठन ने नाराजगी जताई. बैठक में मंत्रियों से पूछा गया कि जिलों में होने वाली सरकारी नियुक्तियों में क्यों देरी हुई. किसी भी कार्यक्रम में शामिल होने से पहले जिला अध्यक्ष को क्यों नहीं पूछा गया. संगठन के कार्यक्रमों को प्राथमिकता में क्यों नहीं रखा गया.
गौरतलब है कि, संगठन मंत्रियों के इस तरह के कामकाज से नाराज है. उन्हें लेकर संगठन की रिपोर्ट अच्छी नहीं है. इससे पहले संगठन की तरफ से जो मंत्रियों को दिशा निर्देश जारी किए गए उस पर अमल नहीं हुआ. न तो मंत्रियों ने प्रभार वाले जिलों में रात्रि विश्राम में रुचि दिखाई, न ही प्रभार वाले जिलों में जिला अध्यक्ष और पदाधिकारियों के साथ उनका तालमेल नजर आया. यही वजह है कि जिला अध्यक्षों की शिकायत के बाद अब संगठन ने मंत्रियों को दो टूक जवाब दिया है.