भोपाल :
मध्य प्रदेश के परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत की परेशानी बढ़ते ही जा रही हैं। मंत्री के खिलाफ जालसाजी, धोखाधड़ी, आर्थिक अपराध व बेनामी संपत्ति के संबंध में एमपी एमएलए कोर्ट ने ईओडब्ल्यू को जांच के आदेश दिये हैं।
परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के खिलाफ एमपी एमएलए कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। इस याचिका में आरोप है कि मंत्री ने एक साल पहले सागर जिले में 50 एकड़ कृषि भूमि बेनामी संपत्ति के तौर पर अपने ससुराल वालों के नाम पर खरीदी। इसके बाद मंत्री ने कृषि भूमि गोविंद राजपूत ने स्वयं तथा अपने परिजनों के नाम पर दान पत्र के आधार पर रजिस्ट्री करवा ली। याचिका में कहा गया कि आर्थिक अपराध की बड़ी धोखाधड़ी यह हुई है कि रजिस्ट्री शुल्क भी कम जमा किया गया, जिससे शासन को करीब 50 लाख रुपए की जानबूझकर हानि पहुंचाई गई। वहीं, याचिका के साथ पांच बड़े अपराध की सूची भी जमा की गई हैं।
याचिकाकर्ता चंद्रमोहन दुबे के अधिवक्ता यावर खान ने बताया कि यह आर्थिक अपराध तथा बेनामी संपत्ति तथा जालसाजी धाखाधड़ी के संबंध में याचिका दायर की गई है। उन्होंने बताया कि विशेष न्यायालय एमपी एमएलए कोर्ट में एफआईआर दर्ज करने तथा जांच करने की मांग की थी। इस पर न्यायालय ने पुलिस अधीक्षक आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) भोपाल को जांच करने के आदेश दिये है। इस मामले में स्टेटस रिपोर्ट ईओडब्ल्यू को 17 फरवरी 2023 तक न्यायालय में पेश करने को कहा है।