भोपाल. मध्यप्रदेश सरकार के विभागों में लंबे समय से काम कर रहे, दैनिक वेतनभोगियों और स्थाईकर्मियों को सरकार को नियमित करना होगा. इसके लिए हाईकोर्ट ने 120 दिन की समय सीमा दी थी, जो कि 27 जून 2024 को पूरी होने वाली है. यानि कि सरकार के पास अब 35 दिन शेष हैं.
बता दें कि एमपी हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि जो कर्मचारी 10 वर्ष या उससे अधिक समय तक सरकारी विभागों में सेवाएं दे चुके हैं, उनको हर हाल में नियमित करना होगा.
हाईकोर्ट के आदेश के तहत जो कर्मचारी 10 वर्ष या उससे अधिक समय तक सरकारी विभागों में सेवाएं दे चुके हैं. उनको नियमित करना होगा. इसके लिए हाईकोर्ट ने 120 दिन की समयसीमा दी थी. यह समय सीमा 27 जून 2024 को पूरी होने वाली है, यानि कि सरकार के पास अब 35 दिन ही बचे हैं.
दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय अध्यक्ष गोकुल चंद राय ने बताया कि 31 जनवरी 2004 को लोक अदालत के दौरान दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों और स्थाईकर्मियों को नियमित करने के लिए सरकार ने सहमति दी थी, लेकिन अब तक कर्मचारियों को नियमितीकरण का लाभ नहीं मिला.
दरअसल लोक अदालत के दौरान सरकार ने नियमितीकरण की सहमति तो दे दी, लेकिन बाद में एक आदेश जारी किया. जिसमें लिखा गया कि पद रिक्त होने पर उक्त कर्मचारियों को नियमित किया जाए. इस कारण अब तक कर्मचारी नियमितीकरण के लिए कोर्ट और सरकार के चक्कर लगा रहे है.
इस मामले की सुनवाई बीते 18 अक्टूबर 2023 को जस्टिस गुणपाल सिंह कर रहे थे, तब उन्होंने सरकार के वकील से कहा था कि मिस्टर गांगुली आप इससे बच नहीं सकते. कर्मचारियों को नियमित करना पड़ेगा. भले ही चार-चार बैंकों से कर्ज लेकर पैसा देना पड़े. जब लाड़ली बहनों को पैसा दे रहे हो, तो भाईयों को क्यों नहीं.
इस मामले में फैसला 2020 में आना था, कोर्ट ने तब सरकार से जवाब-तलब करते हुए 10 हजार रुपये की पेनाल्टी लगाई थी. साथ ही फरवरी 2020 में आखिरी सुनवाई करने का कहा था लेकिन इसके बाद कोरोना आ गया, जिससे सुनवाई टलती रही.