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मध्यप्रदेश सरकार से कर्मचारी नाराज : पेशनरों को प्रतिमाह 9 प्रतिशत महंगाई राहत का नुकसान

भोपाल Published by: Paliwalwani Updated Mon, 29 May 2023 12:02 AM
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जनवरी 2023 से लंबित है केंद्र सरकार के समान 4 प्रतिशत डीए

भोपाल :

मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले शासकीय कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर लामबंद हो रहे हैं. महंगाई भत्ता और महंगाई राहत जैसे लंबित विषय पर सरकार को घेरने की तैयारी में है. यह इसलिये भी कि जनवरी 2023 से जहां कर्मचारियों का केंद्र सरकार के समान 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता बकाया है, वहीं पेशनरों को प्रतिमाह हो रहा है 9 प्रतिशत महंगाई राहत का नुकसान उठाना पड़ रहा है. बीते 5 माह में हुए इस नुकसान की भरपाई तब होगी, जबकि सरकार 600 रूपये का भुगतान करेगी.

महत्वपूर्ण है कि केंद्र सरकार ने जनवरी 2023 से 4 प्रतिशत महंगाई भत्ते में वृद्धि कर 42 प्रतिशत महंगाई भत्ता एवं सेवानिवृत्त केंद्रीय कर्मचारियों को महंगाई राहत प्रदान कर दिया है, वहीं मध्य प्रदेश में बीते 5 माह में कर्मचारियों को 5 प्रतिशत महंगाई भत्ता एवं सेवानिवृत्त कर्मचारियों को 9 प्रतिशत महंगाई राहत के आदेश जारी नहीं हो पाए है. इसके कारण कर्मचारियों को लगभग 600 करोड़ का नुकसान हो चुका है. मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी दावा है कि प्रत्येक कर्मचारी को प्रति माह 620 से 5640 तक कम वेतन मिल रहा है. यदि महंगाई राहत और महंगाई भत्ते के बकाया एरियर को जोड़ लिया जाय तो कर्मचारियों को होने वाले नुकसान का आंकड़ा और बढ़ जाता है. बता दें कि प्रदेश में करीब 12 लाख से अधिक अधिकारी-कर्मचारी है.

पेंशनरों को नगद राशि देने की मांग

कर्मचारियों ने राज्य सरकार से से मांग की है कि जिस प्रकार सरकार केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय कर्मचारियों को जनवरी-जुलाई में महंगाई भत्ता महंगाई राहत का भुगतान किया जाता है, उसी प्रकार राज्य सरकार को भी केंद्रीय तिथि केंद्रीय दर से महंगाई भत्ता महंगाई राहत दी जानी चाहिए. कर्मचारियों ने जनवरी 2023 से कर्मचारियों को 5 प्रतिशत महंगाई भत्ता और पेंशनरों को 9 प्रतिशत महंगाई राहत प्रदान करते हुए पूर्व की बकाया राशि जीपीएफ खाते में और पेंशनरों को नगद राशि देने की मांग की हैं.

सरकार पर दबाव बनाने लगे कर्मचारी

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव को पांच महीने का वक्त बचा है, इसलिए कर्मचारी अपनी-अपनी मांगों को लेकर राज्य सरकार पर लगातार दबाव बना रहे है. अब कर्मचारी शिवराज सिंह की सरकार को अपना वादा याद दिला रहे है. इसके लिये मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ द्वारा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और मुख्यसचिव को पत्र भी भेज चुकी है. कर्मचारियों का कहना है कि यदि सरकार ने हमारी मांगो पर अनसुना किया तो इसका नुकसान आगामी चुनाव में नाराजगी के चलते उठाना पड़ सकता हैं. 

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