नई दिल्ली.
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव राज्य को औद्योगिक विकास और रोजगार के केंद्र में परिवर्तित करने के लिए 7 दिसंबर 2024 को नर्मदापुरम में 6वीं रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव (आरआईसी) का शुभारंभ करेंगे. कॉन्क्लेव में शामिल होने के लिए 4 हजार से अधिक रजिस्ट्रेशन हुए हैं.
जिनमें 3 हजार एमएसएमई प्रतिनिधि, 75 प्रमुख निवेशक, और कनाडा, वियतनाम, नीदरलैंड, मेक्सिको और मलेशिया जैसे 5 देशों के अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि शामिल होंगे. विभिन्न सेक्टोरल सत्रों में राज्य की औद्योगिक नीति, निवेश प्रोत्साहन और एमएसएमई के लिए उपलब्ध संभावनाओं पर चर्चा की जाएगी.
मुख्यमंत्री डॉ. यादव रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में विभिन्न औद्योगिक परियोजनाओं का वर्चुअल भूमिपूजन और उद्घाटन करेंगे. इस आरआईसी में निवेशकों को भूमि आवंटन-पत्र भी वितरित किये जायेंगे. निवेशकों के साथ वन-टू-वन मीटिंग होगी, जिसमें 10 से अधिक प्रमुख निवेशक अपनी योजनाएं प्रस्तुत करेंगे. इसके अलावा, राउंड टेबल सत्र नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र पर केंद्रित होगा. ‘निर्यात कैसे शुरू करें’ और ‘पर्यटन में निवेश संभावनाएँ’ जैसे विषयों पर सेक्टोरल-सत्र भी होंगे.
नर्मदापुरम अपनी धार्मिक, प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहर के लिए जाना जाता है. अब एक उभरते औद्योगिक केंद्र के रूप में भी अपनी पहचान बना रहा है. ‘नए क्षितिज, नई संभावनाएँ’ थीम के अंतर्गत इस कार्यक्रम में कृषि, डेयरी, खाद्य प्रसंस्करण, नवकरणीय ऊर्जा, पर्यटन और वस्त्र जैसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया गया है.
कॉन्क्लेव में स्थानीय उत्पादों के प्रदर्शन के लिए प्रदर्शनी भी लगाई जा रही है जिसमें 75 से अधिक स्टॉल लग रहे हैं जिनमें एमएसएमई, पर्यटन, हस्तशिल्प विकास निगम, और बैंकिंग संस्थानों के साथ-साथ ओडीओपी उत्पादों के प्रदर्शन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. उक्त स्टॉल न केवल जानकारी प्रदान करेंगे बल्कि स्थानीय उत्पादों को वैश्विक पहचान दिलाने में भी महत्पूर्ण भूमिका निभाएंगे.
‘उद्योग वर्ष 2025’ अंतर्गत आयोजित इस कॉन्क्लेव का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के हर क्षेत्र को औद्योगिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है. उज्जैन, जबलपुर, ग्वालियर, सागर और रीवा में आयोजित सफल कार्यक्रमों की श्रृंखला में नर्मदापुरम का यह आयोजन क्षेत्रीय संभावनाओं को राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करने का एक और महत्वपूर्ण कदम है. इस कॉन्क्लेव से नर्मदापुरम क्षेत्र को औद्योगिक मानचित्र पर स्थापित करने के साथ-साथ निवेशकों और सरकार के बीच आपसी सहयोग को और सुदृढ़ करने में मदद मिलेगी.