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दैनिक वेतन भोगीयों को कितना लाभ मिलेगा उसको लेकर संशय !

भोपाल Published by: Santosh Paliwal Updated Sat, 20 Aug 2016 06:07 AM
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दैनिक वेतन भोगीयों को कितना लाभ मिलेगा उसको लेकर संशय !
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भोपाल। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद से ही दैनिक वेतन भोगी के संबंध में संशय बना हुआ है कि उन्होंने कब से कितना नियमित वेतनमान मिलेगा। पक्के होगे या सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार उन्हें सम्मान मिलेगा। उसी बात लेकर कर्मचारी नेता ने प्रदेश सरकार को शंका की नजर से देखकर दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के मामले में सरकार की मंशा पर सवाल उठने लगे हैं। मप्र दैनिक वेतन कर्मचारी महासंघ ने कहा है कि कि इसमें संदेह है कि सरकार सभी दैवेभो कर्मचारियों को पेंशन और ग्रेच्युटी की सुविधा देगी। राज्य सरकार ने 2004 में भी अदालत के आदेश को नहीं माना था।

दैवेभो कर्मचारियों को रेगुलर करने से पहले सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दायर !

सरकार ने हाल ही में दैवेभो कर्मचारियों को रेगुलर करने की घोषणा की है। इससे पहले महासंघ की ओर से सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दायर कर दी गई थी। महासंघ के प्रांताध्यक्ष श्री गोकुलचंद्र राय और उपाध्यक्ष श्री राशिद खान का तर्क है कि अदालत के आदेश के मुताबिक इन कर्मचारियों को एरियर, मेडिकल, एचआरए, प्रमोशन, ग्रेच्युटी, एक्सग्रेसिया समेत अन्य सुविधाएं देना चाहिए। महासंघ के प्रांताध्यक्ष श्री गोकुलचंद्र राय और उपाध्यक्ष श्री राशिद खान ने पालीवाल वाणी को बताया कि हमने सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दायर की है। जिसमें जबलपुर हाईकोर्ट द्वारा 12 साल पहले आयोजित लोक अदालत में दिए आदेश को आधार बनाया है। इसमें दैवेभो कर्मचारियों और सरकार के बीच हुए समझौते का हवाला दिया गया है। उस वक्त दैवेभो के अध्यक्षीय मंडल के तत्कालीन उपाध्यक्ष श्री एमडब्ल्यू सिद्दीकी ने कर्मचारियों की ओर से एडवोकेट जनरल श्री आरएन सिंह ने सरकार की ओर से समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। हाईकोर्ट ने आदेश देते हुए कहा था कि दैवेभो को रेगुलर करने के लिए जब भी सरकार पॉलिसी बनाएंगी या नियमितीकरण करेगी तो इन कर्मचारियों को रेगुलर करना पड़ेगा।

सभी सुविधाएं मिले-दैनिक वेतन भोगी बेचेन

एरियर, मेडिकल, एचआरए, प्रमोशन, ग्रेच्युटी, एक्सग्रेसिया समेत अन्य सुविधाएं दिए जाने की भी मांग की गई, जो सरकार की पालिसी में नजर नहीं आ रही है। समझौते के तहतसुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दायर की है। जिसमें जबलपुर हाईकोर्ट द्वारा 12 साल पहले आयोजित लोक अदालत में दिए आदेश को आधार बनाया है। इसमें दैवेभो कर्मचारियों और सरकार के बीच हुए समझौते का हवाला दिया गया है। उस समय हाईकोर्ट ने आदेश देते हुए कहा था कि दैवेभो को रेगुलर करने के लिए जब भी सरकार पॉलिसी बनाएंगी या नियमितीकरण करेगी तो इन कर्मचारियों को रेगुलर करना पड़ेगा। लेकिन मध्यप्रदेश राज्य ने घोषणा के बाद भी आज तक स्थिति स्पष्ट नहीं की है जिसके चलते दैनिक वेतन भोगी काफी परेशानी में दिखाई दे रहे है। स्थिति स्पष्ट नहीं होने से दैनिक वेतन भोगी स्थाई कर्मचारियों से पुछ रहा कि तुम्हारा वेतन के सामान वेतन मिलेगा या दो-तीन हजार रूपए तक का ही लाभ दिया जा रहा है। स्थाई कर्मचारी भी मौन है क्योंकि उसे भी नही पता दैनिक वेतन भोगियों को वास्तव में कितना लाभ मिलेगा। अद्र्वकुशल, कुशल के वेतन कितने होगे। बस अभी तो दैनिक वेतन भोगी बेचेन नजर आ रहा है। उसके हाथ में जब भी बढ़ी हुई राशि मिलेगी तभी उसको समझ में आएगा कि उसके साथ सरकार ने किया।

पालीवाल वाणी ब्यूरो से संतोष पालीवाल

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