भोपाल :
भारत में विलुप्त हो चुके चीतों की बसाहट के लिए सबसे उपयुक्त प्रदेश, मध्य प्रदेश अब टाइगर प्रदेश के साथ साथ चीता प्रदेश भी है। दक्षिण अफ्रीका के नामीबिया से पिछले साल 17 सितम्बर 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर उन्होंने ही भारत में चीता परियोजना या मिशन चीता की शुरुआत की थी, 17 सितम्बर को कूनो नेशनल पार्क में छोड़े गए 8 चीतों की तंदरुस्ती का अध्ययन करने के बाद अब 12 और चीते कूनो नेशनल पार्क में आ रहे हैं, ये चीते 18 फरवरी 2023 को आएंगे और इसी दिन कूनो में बनाये गए विशेष बाड़ों में छोड़े जायेंगे।
18 फरवरी 2023 का दिन कूनो नेशनल पार्क के लिए फिर यादगार बनने जा रहा है, इस दिन दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते यहाँ पहुँच रहे हैं, विशेषज्ञ इसकी तैयारियों पर नजर रखे हुए हैं, मप्र वन विभाग के अधिकारी और कूनो नेशनल पार्क के अधिकारी तैयारियों को अंतिम रूप दे रहे हैं, केन्द्रीय वन मंत्री भूपेन्द्र यादव पिछले दिनों यहाँ वर्तमान 8 चीतों के स्वास्थ्य का हालचाल लेने और आने वाले 12 चीतों की व्यवस्थाओं को देखने आये थे और संतुष्ट भी दिखाई दिए थे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 18 फरवरी को होने वाले कार्यक्रम पर नजर बनाये हुए हैं, वे आज इसकी समीक्षा करेंगे, उन्होंने आज राजधानी भोपाल में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि ये ख़ुशी की बात है कि अभी जो चीते हैं वो स्वस्थ है लगातार उन पर निगरानी की जा रही है, मैं आज पूरे चीता प्रोजेक्ट की समीक्षा करने वाला हूँ , उन्होंने कहा कि अब मध्य प्रदेश चीता प्रदेश है, पीएम मोदी के आशीर्वाद से विलुप्त हो चुके चीते फिर से भारत में दिखाई दे रहे हैं, ये कूनो नेशनल पार्क और उसके आसपास की अर्थ व्यवस्था को बदल देंगे, इसलिए सरकार यहाँ बुनियादी जरूरतें, पर्यटकों के लिए सुविधाएँ मुहैया करा रही है साथ ही चीता मित्र भी बना रही है जो चीतों की रक्षा का संकल्प ले रहे हैं।
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