एप डाउनलोड करें

ईवी स्पेयर पार्ट्स पर एक समान GST की उम्मीद : इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ी

ऑटो - टेक Published by: Paliwalwani Updated Thu, 19 Jan 2023 08:35 PM
विज्ञापन
Follow Us
विज्ञापन

वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें

एसएमईवी डीजी सोहिंदर सिंह गिल ने बताया कि उम्मीद है कि सरकार बजट में फेम सब्सिडी बढ़ाने की घोषणा करेगी और इसका लाभ सीधे ग्राहक को ट्रांसफर करने के प्रावधान लागू होंगे। सोसाइटी ऑफ मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (एसएमईवी) को उम्मीद है कि सरकार ईवी इंडस्ट्री को प्रोत्साहन देना जारी रखेगी। इसके साथ ही उम्मीद है कि सरकार इस बजट में घरेलू स्तर पर आर एंड डी को बढ़ावा देने, सप्लाई संबंधी दिक्कतों को दूर करने और मजबूत ईवी इकोसिस्टम को बढ़ावा देकर भारत को ग्लोबल हब बनाने के लिए नई योजनाएं और उपाय भी लाएगी।

एसएमईवी डीजी सोहिंदर सिंह गिल ने बताया कि उम्मीद है कि सरकार बजट में फेम सब्सिडी बढ़ाने की घोषणा करेगी और इसका लाभ सीधे ग्राहक को ट्रांसफर करने के प्रावधान लागू होंगे। एक तरफ जहां इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी की दर 5है। वहीं स्पष्टता नहीं होने की वजह से स्पेयर पार्ट्स पर 28तक जीएसटी चुकाना पड़ता है। हमें उम्मीद है कि सरकार सभी ईवी स्पेयर पार्ट पर यूनिफॉर्म 5जीएसटी की दर लागू करेगी। ईवी उत्पादन में उपयोग किए जाने वाले लिथियम आयन सेल पर कस्टम ड्यूटी घटाकर 0करने से ईवी की लागत घटाने में मदद मिलेगी।

भारत की ईंधन खपत में ट्रकों की हिस्सेदारी लगभग 40 प्रतिशत है। अगर सकरार फेम का दायरा कमर्शियल वाहनों यानी ट्रकों और ट्रैक्टर्स तक भी बढ़ाती है तो इससे ईवी ट्रक और ट्रैक्टर निर्माण को बढ़ावा मिलेगा और ईंधन की खपत के साथ उत्सर्जन में भी कमी आएगी।

बैटरी रिसाइकलिंग नीति बनाने की जरूरत

देश में बीते 5 वर्षों में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ी है, ऐसे में लिथियम आयन बैटरियों की रिसाइकलिंग के लिए नीति बनाया जाना बहुत आवश्यक है। सरकार द्वारा इलेक्ट्रिक कंपोनेंट खरीदने और रिसाइकल करने की एजेंसी नियुक्त की जानी चाहिए। बैटरी रिसाइकलिंग संबंधी रिसर्च और डेवलपमेंट के लिए 200की टैक्स छूट दी जानी चाहिए।

और पढ़ें...
विज्ञापन
Next