ज्योतिष पंचांग के अनुसार सावन का महीना 14 जुलाई से शुरू हो गया है और सावन का पहला सोमवार कल यानि कि 18 जुलाई को है। सावन के हर सोमवार का शास्त्रों में विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन शिव भक्त भोलनाथ का रुद्राभिषेक करते हैं और व्रत भी रखते हैं। इसके साथ ही भगवान शिव और माता पार्वती की विधि विधान से पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं भगवान शिव को प्रसन्न करने के मंत्र और पूजा- विधि…
सावन मास के सोमवार सुबह जल्दी उठें और स्नान कर साफ सुथरे कपड़े धारण करें। सफेद वस्त्र हों तो और भी शुभ है। साथ ही इसके बाद भगवान शिव के समक्ष कुश वाले आसन पर बैठ जाएं। इसके बाद भोलेनाथ का जल से अभिषेक करें। इसके बाद भोलेनाथ का पंचामृत से रुद्राभिषेक करें। इसके बाद सुपारी, पंच अमृत, नारियल, सफेद फूल, धतूरा और बेलपत्र चढ़ाएं। इन सबके बाद भगवान भोलेनाथ माता पार्वती और भगवान गणेश को चंदन का तिलक लगाएं। भगवान शिव को भोग लगाएं। सावन व्रत कथा का पाठ करना न भूलें। इसके बाद व्रत खोल सकते हैं।
महामृत्युंजय मंत्र: ऊं त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
शिव गायत्री मंत्र: ऊं तत्पुरुषाय विद्महे, महादेवाय धीमहि, तन्नो रूद्र प्रचोदयात्।
शिव जी का शक्तिशाली मंत्र: नमो स्तवन अनंताय सहस्त्र मूर्तये, सहस्त्रपादाक्षि शिरोरु बाहवे. सहस्त्र नाम्ने पुरुषाय शाश्वते, सहस्त्रकोटि युग धारिणे नम:
भोलेनाथ के प्रिय मंत्र:
ऊं नमः शिवाय।
नमो नीलकण्ठाय।
ऊं पार्वतीपतये नमः।
1- मनोकामना पूर्ति के लिए सोमवार के दिन शिवलिंग पर सुबह-सुबह जल में काले तिल मिलाकर चढ़ाएं। ऐसा करने से गुप्त शत्रुओं का भी नाश होता है।
2- सावन सोमवार के दिन दूध से भोलेनाथ का अभिषेक करना चाहिए ऐसा करने से संतान प्राप्ति के योग बनते हैं।
3- सोमवार को भोलेनाथ का दही से अभिषेक करें। ऐसा करे से आपके अटके हुए काम बनने लगते हैं।
4- अगर कोई व्यक्ति बीमार हो तो उसको शिवलिंग पर घी से रुद्राभिषेक करना चाहिए। ऐसा करने से उसका जल्दी स्वास्थ्य लाभ होगा।