Maha Shivratri 2024 Date: शास्त्रों में महाशिवरात्रि का विशेष महत्व बताया गया है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन शिवजी का प्राकट्य हुआ था। साथ ही शिवजी का विवाह भी इस दिन माना जाता है। मान्यता है जो व्यक्ति इस दिन व्रत रखकर शिव जी की पूजा अर्चना करता है भगवान शिव उसकी सभी मनोकामना पूरी करते हैं। आपको बता दें कि इस साल महाशिवरात्रि का त्योहार शुक्रवार, 8 मार्च को मनाया जाएगा। वहीं इस दिन 5 शुभ योग भी बन रहे हैं, जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है। आइए जानते हैं चार पहर की पूजा का समय और तिथि…
वैदिक पंचांग के अनुसार महाशिवरात्रि की चतुर्दशी का आरंभ 8 मार्च को रात 9 बजकर 58 मिनट पर होगा और तिथि का अंत शाम 6 बजकर 16 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार, महाशिवरात्रि 8 मार्च को ही मनाई जाएगी।
शास्त्रों में चार पहर की पूजा का विशेष महत्व है। क्योंकि चार पहर पूजन से धर्म अर्थ काम और मोक्ष, सब प्राप्त हो जाते हैं। आइए जानते हैं ये चार पहर की पूजा का समय…
प्रथम पहर पूजन समय: आठ मार्च को शाम 6 बजकर 24 मिनट से शुरू होगा और समापन रात 9 बजकर 29 मिनट को होगा।
दूसरा पहर पूजन समय: 8 मार्च को रात 9 बजकर 29 मिनट से शुरू होगा और समापन 9 मार्च को रात 12 बजकर 32 मिनट पर होगा।
तीसरे पहर पूजन समय: आठ मार्च को रात 12 बजकर 31 मिनट से शुरू होगा और समापन सुबह 3 बजकर 34 मिनट पर होगा।
चौथा पहर पूजन समय: 8 मार्च को सुबह 3 बजकर 34 मिनट पर होगा से लेकर सुबह 6 बजकर 37 मिनट तक रहेगा।
वैदिक पंचांग के अनुसार इस बार महाशिवरात्रि पर शिव योग, सिद्ध योग, गजकेसरी योग, धन योग और सर्वार्थ सिद्धि नामक शुभ योग भी बन रहे हैं, इन योगों में पूजा करने का दोगुना फल प्राप्त होता है।
तंत्र शास्त्र अनुसार किसी भी सिद्धि प्राप्त करने के लिए चार रात्रि को प्रमुख माना गया है। जो होली, दिवाली,और महाशिवरात्रि हैं। जिसमें महाशिवरात्रि को प्रमुख माना गया है। इस रात्रि को जो भी व्यक्ति पूजा- अर्चना करता है, उसे उसका फल जरूर प्राप्त होता है। वहीं इस दिन रात्रि जागरण का विशेष महत्व बताया गया है। मान्यता है इस दिन ही मां पार्वती और भगवान शिव का विवाह हुआ था, इसलिए इस दिन भोलेनाथ की पूजा करने से धन, यश और आरोग्य की प्राप्ति होती है।