अहमदाबाद में एयर इंडिया का 787-8 ड्रीमलाइनर क्रेश हुआ...इस जघन्य हादसे के स्वरूप से आहत पूरा देश हुआ...सवा लाख लिटर पेट्रोल से भरा वायुयान उड़ान के दो मिनट में ही जमीदोज हो गया...
इंसानों की लाशों की पहचान हेतु डीएनए टेस्ट की खोज हो गया...एक विस्फोट के साथ आग का गुबार निकला...241 यात्रियों और मेडिकल सेवादाताओं का दर्द भरा चीख पुकार निकला...जो धरती पर 45 डिग्री टेम्प्रेचर में त्राहिमाम त्राहिमाम करते हैं...वो जान सकते हैं कि 1000 डिग्री टेम्प्रेचर कैसे धूम धड़ाम करते हैं...
बहुत ही वीभत्स दृश्य इस दर्दनाक हादसे से उभरा...बस एक को ही जीवनदान मिला बाकी हरएक मरा...सदी की बड़ी विमान दुर्घटना बहुत ही त्रासद पूर्ण रही...ना जाने कितने परिवारों ने इस दारुण वज्रपात की वेदना सही...पायलट ने तो मेडे का संदेश इसी अवधि में दे दिया था...उसको पता था कि थ्रेस्ट की इस दुविधा में कौन जिया था...
विश्वास कुमार रमेश ही भाग्यशाली थे जो आपातकालीन विंडो से बाहर आ गए...पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी तक दुर्घटना का शिकार बन ईश्वर को भा गए...चूक जो भी हो चाहे मानवीय या तकनीकी काल का गाल बनकर लील गई...मायूसी और उदासी की दैत्य आवृत्तियाँ इंसानी फटाफट परिवहन जिज्ञासा पर पिल गई...
हवाई यात्राएं भी आपके सुरक्षित जीवन का आधार नहीं है...प्रगति कितनी भी कर के मानव पर जिंदगी के संशय का उद्धार नहीं है...मौत मन्तव्य भांपकर नहीं आती वो तो ताण्डव करती है...कौरवों के शक्तिशाली होने पर भी कुल का नाश कर दे वो पांडव धरती है...इस दुर्घटना से हुई क्षति की पूर्ति असम्भव है...
● प्रो. (डॉ.) श्याम सुन्दर पलोड : लेखक, कवि एवं वक्ता
4, श्रीराम मंदिर परिसर, सुदामा नगर , डी - सेक्टर , इंदौर ( म.प्र.)
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