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Amet News : दो पारी वाले विद्यालयों में क्या बच्चों को सर्दी नहीं लगेगी : सभी सरकारी और आरबीएसई से जुड़े प्राइवेट स्कूलों पर आदेश लागू, नहीं मानने पर होगी मान्यता रद्द

आमेट Published by: M. Ajnabee, Kishan paliwal Updated Tue, 03 Dec 2024 01:31 AM
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Amet News : दो पारी वाले विद्यालयों में क्या बच्चों को सर्दी नहीं लगेगी : सभी सरकारी और आरबीएसई से जुड़े प्राइवेट स्कूलों पर आदेश लागू, नहीं मानने पर होगी मान्यता रद्द
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शिक्षा विभाग द्वारा राजस्थान में सभी स्कूलों का  समय एक समान करने का मामला

मुबारिक अजनबी

आमेट. शिक्षा विभाग ने राजस्थान के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूल (राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से संबद्ध) को एक साथ संचालित करने के आदेश दिए हैं। ऐसे सभी स्कूल एक साथ शुरू होंगे और एक ही समय पर सबकी छुट्‌टी होगी।

अगर कोई स्कूल इन आदेशों की अवहेलना करेगा, तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। यहां तक कि मान्यता भी रद्द की जा सकती है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक आशीष मोदी द्वारा बुधवार को यह आदेश जारी किए गए हैं। 

निदेशक का आदेश इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ हैं। एक तो सीबीएसई स्कूलों को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हैं,दूसरा दो पारी में चलने वाले विद्यालयों के बच्चों को क्या सर्दी नहीं लगेगी। ज्यादातर निजी स्कूल स्थान के अभाव में दो पारी में चलाते हैं। जब निदेशक दो पारी विद्यालयों को प्रातः 7:30 बजे से सांय 5:30 बजे चलने का आदेश दे रहे तो उन बच्चों को क्या सर्दी नहीं लगेगी। 

सर्दी में आधे घंटे कम होगी पढ़ाई

माध्यमिक शिक्षा निदेशक की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सर्दी के समय में एकल पारी स्कूल सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक ही चलेंगे। इसके अलावा दो पारी वाले स्कूल सुबह साढ़े 7 से शाम साढ़े 5 बजे तक चलेंगे। दो पारी वाले स्कूल की प्रत्येक पारी सर्दी में 5 घंटे की ही रहेगी।

गर्मी में सभी एक पारी के स्कूल सुबह साढ़े 7 से दोपहर 1 बजे तक संचालित होंगे। दो पारी वाले स्कूल सुबह 7 से शाम 6 बजे तक संचालित होंगे। दो पारी वाले स्कूलों में गर्मी में प्रत्येक पारी साढ़े 5 घंटे की होगी। दो पारी वाले स्कूलों में सर्दी में आधा घंटे कम पढ़ाई होगी।

नियम नहीं मानने पर स्कूल पर होगी कार्रवाई

निदेशक आशीष मोदी ने कहा- विभाग के ध्यान में आया है कि राज्य में संचालित गैर सरकारी स्कूल शिविरा (शैक्षणिक) कैलेंडर को पूरी तरह पालन नहीं कर रहे हैं। सर्दी बढ़ने के बाद भी स्कूलों का संचालन सुबह जल्दी किया जा रहा है। इससे स्टूडेंट्स के स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है। अगर कोई प्राइवेट स्कूल कैलेंडर का पालन नहीं करता है तो संबंधित स्कूल के खिलाफ राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। स्कूलों की मान्यता व क्रमोन्नति भी रद़्द की जा सकती है।

सभी स्कूलों का समय समान होना चाहिए

शिक्षा विभाग के शैक्षणिक कैलेंडर सभी स्कूलों पर लागू होता है। सीबीएसई एक बोर्ड है, जिसका स्कूल समय से कोई सरोकार नहीं होता। जिन स्कूल को एनओसी देते हुए कैलेंडर के पालन की शर्त लगाई गई है, उन्हें भी अपना समय माध्यमिक शिक्षा निदेशक के आदेश के अनुसार बदलना चाहिए।

असमंजस की स्थिति

डायरेक्टर के आदेश के बाद ये स्पष्ट नहीं हुआ है कि ये आदेश सीबीएसई स्कूल पर लागू होगा या नहीं। सभी सीबीएसई स्कूल अपने स्तर पर अलग से समय तय करते हैं। शिक्षा विभाग एनओसी देते हुए शर्त रखता है कि शैक्षणिक कैलेंडर का पालन करना होगा

इनका कहना है...

सरकारी आदेश की पालना सभी विद्यालयो को करनी होगी। अगर कोई विधालय नही करता है और उसकी शिकायत प्राप्त होती है तो उस विद्यालय के खिलाफ उचित कार्यवाही की जाएगी ।

  • नरेन्द्र सिंह चुण्डावत...सीबीईओ आमेट

अनेक निजी विद्यालयों में विधार्थी दुर दराज के गांवो से पढ़ने के लिए आते है । सर्दी के समय शाम को जल्दी सूर्य अस्त हो जाता है ।इसलिए विद्यार्थियो के घर पहुंचते पहुंचते अंधेरा हो जाता है । जो एक भारी समस्या है ।वेसे सरकारी आदेश मे दो पारी मे चलने वाली स्कुलों मे बच्चे सुबह 7.30 बजे स्कुल आएगे तो क्या उनको सर्दी नही लगेगी। राजस्थान के हर जिले का मौसम एक जैसा नहीं रहता है। इसलिए हर जिले में जिला कलक्टर एव जिला शिक्षा अधिकारी को इसका अधिकार होना चाहिए। ताकी जिले के मौसम अनुसार समय परिवर्तन कर सके एवं बच्चों के अभिभावको का भी यह कहना है कि बच्चो को घर पर समय नही मिलेगा तो बच्चे ट्युशन एवं होमवर्क कब करेंगे। जिससे बच्चो पर मानसिक दबाव पडेगा जो गलत है। उक्त मामले पर अगर सरकार हमारी नही सुनेगी तो हम कोर्ट का दरवाजा खटखटायेगे।

  • मुकेश वैष्णव..शिक्षाकुल सेवा संस्थान राजसमंद
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