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Amet News : श्रीमद्भागवत कथा सुनने मात्र से राक्षस धुंधकारी को मोक्ष प्राप्त हुआ : महामंडलेश्वर योगी हितेश्वर नाथ महाराज

आमेट Published by: M. Ajnabee, Kishan paliwal Updated Thu, 07 Nov 2024 01:57 AM
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आमेट. समीपवर्ती गांव ताणवाण मे सात दिवसीय भागवत कथा मे महामंडलेश्वर योगी हितेश्वर नाथ महाराज  ने बताया कि नारद मुनि विभिन्न धार्मिक स्थलों का भ्रमण करने के दौरान वृंदावन पहुंचे थे। वहां उन्होंने माता भक्ति और उनके पुत्र ज्ञान और वैराग्य से मुलाकात की। इसके बाद, सभी बद्रिका आश्रम गए और वहां सनद कुमारों ने नारद जी के लिए भागवत कथा सुनाई. इस कथा को सुनने के बाद नारद जी का दुख दूर हो गया। 

 श्रीमद्‌भागवत को वेदांतों का सार माना जाता है. कहा जाता है कि भागवत कथा सुनने से आत्मा को शाश्वत आनंद की प्राप्ति होती है.भक्ति,ज्ञान,और वैराग्य के बारे में कुछ और बातेंः ज्ञान का मतलब है बुद्धि या ज्ञान, और वैराग्य का मतलब है त्याग. 

 भक्ति के दो पुत्र हैं- ज्ञान और वैराग्य.भक्ति के बिना किसी भी साधन से लक्ष्य की प्राप्ति नहीं हो सकती। भगवत गीता के मुताबिक, वैराग्य का मतलब है कि सभी जीवों में परमात्मा के अंश को मान्यता देकर कर्म करना। भक्ति में तीन बातें ज़रूरी हैं- ज्ञान, वैराग्य, और योग. योग का मतलब है,आत्मा को परमात्मा से जोड़ने की क्रिया ।

कथा व्यास योगी हितेश्वर नाथ महाराज ने बताया कि श्रीमद्भागवत कथा सुनने मात्र से धुंधकारी को मोक्ष प्राप्त हुआ । इस कथा को व्यास ने विस्तार से सुनाया। तुंगभद्रा नदी के किनारे रहने वाले आत्मदेव एक विद्वान ब्राह्मण थे। उन्हें कोई संतान नहीं थी। एक बार जंगल में जाकर साधु से मिलने पर आत्मदेव ने अपनी समस्या बताई. साधु ने उन्हें एक फल दिया और कहा कि इसे अपनी पत्नी धुंधली को खिला देना धुंधली ने फल अपनी गाय को खिला दिया। कुछ समय बाद गाय ने एक बच्चे को जन्म दिया। जिसका नाम गोकर्ण रखा गया। 

धुंधली की बहन ने अपना एक पुत्र दे दिया, जिसका नाम धुंधकारी रखा गया। धुंधकारी दुराचारी, व्यभिचारी और राक्षस स्वभाव का था. उसने अपनी मां को भी मारा-पीटा. लोभ में आकर उसने एक दिन हत्या कर दी और प्रेत बन गया। गोकर्ण ने प्रेत योनि से मुक्ति दिलाने के लिए सूर्य भगवान के बताए सूत्र पर श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया। कथा सुनने के बाद धुंधकारी को प्रेत योनि से मुक्ति मिली।

इस अवसर पर गोपी लाल,तारासन, जगदीश,जगदीश कुमार, भगवती लाल,चुन्नी लाल,राजेश कुमार,रामू,श्याम लाल, हीरालाल, लालू राम, भेरू लाल, रत्न लाल, जितेश कुमार, अभिषेक दास, रोशन दास, भंवर दास, लक्ष्मण दास, जमुना दास, भोली दास, , सुरेश सहित गांव एवं आसपास के कई ग्रामीण मौजूद थे.

M. Ajnabee, Kishan paliwal

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