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आमेट अपडेट : शहीद गुलाब शाह बाबा का रस्मी तौर पर सादगीपूर्ण दो दिवसीय उर्स कुल की फातिहा के साथ संपन्न

आमेट Published by: M. Ajnabee-Kishan Paliwal Updated Sat, 03 Oct 2020 03:10 AM
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● रोजे मेहशर में भी तुम देख लेना मेरे कमली वाले का सिक्का चलेगा...राष्ट्रीय कव्वाल शोकत अंदाज 

आमेट । नगर के चन्द्रभागा नदी तट स्थित हजरत सैय्यद शहीद गुलाब शाह बाबा का 22 वां उर्स शुक्रवार सुबह कुल की फातिहा की रस्म के बीच मुल्क में अमनो सुकुन व कोरोना वायरस के खात्मे की दुआ के और कुल के छीटो की रस्म के साथ सादगीपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ। उर्स का आगाज दरगाह शरीफ पर सुबह झंडे पैंश कर कुरान ख्वानी के साथ हुआ, तथा शाम असर के समय दरगाह कमेटी व अकिकतमंदों द्वारा चादर शरीफ पैश की गई और रात्रि को बाद नमाज ईशा महफिल ए मिलाद के बाद जोधपुर से आये राष्ट्रीय कव्वाल शोकत अंदाज एण्ड पाटीं ने अपने कलाम परदा एक से है, खुदा को कमली वाले से परदा है, देखा है नबी को देखा, खुदा ने और किसी को नहीं देखा नहीं, ऐसी अदा देखी नहीं जो कुछ तु जो मिला ,तेरे सिवा कुछ नहीं मिला, आंधियों व तुफानो मे भी दीप मेरे नबी का जलेगा, रोज मेहशर मे भी तुम देख लेना,मेरे कमली वाले का सिक्का चलेगा। मनकबत गरीब नवाज हम तेरे दर पर पे जब भी सर अपना झुका देगे, निस्बत किसे कहतै हे, दुनिया को दिखा देगे तथा हिन्दल वली ख्वाजा गरीब नवाज, मैवाड के शंहशाह दिवाना सरकार, सैलानी सरकार, सैय्यद शहीद गुलाब शाह बाबा आदि की शान मे कलाम पैश करने पर अंकिकतमंद झूमने लग गये। कव्वाली पाटीं द्रारा हजरत निजामुद्दीन ओलिया के मुरीदे खास हजरत अमीर खुसरों द्रारा लिखित कलाम आज रंग है री मां,रंग हेरी गुलाब शाह बाबा के अंगना रंग हे री पढा तो आशिकें गुलाब शाह भी मस्ती मे झूंमने लगे। आखिर में जामा मस्जिद के पैश ईमाम, मदीना मस्जिद के पैश ईमाम नसीम अख्तर, हाफीज नबाबुल हसन आदि ने अल्लाह तआला से हुजुर सरकारें दो जंहा स.अ.व.के सदके तुफैल हजरत गौसे आजम र.अ.हजरत गरीब नवाज, हजरत सैय्यद गुलाब शाह,र.अ.के वसीले से मुल्क में अमन चैन व कोरोना महामारी के खातमे की दुआ की। जिस पर दरगाह परिसर मे आमीन आमीन की सदाएं बुलंद हो गई। कुल की फातिमा के साथ ही कुल के छीटे की रस्म अदा की गई। हर वर्ष की भांति इस वर्ष के उर्स पर कोरोना महामारी के प्रभाव व गाइडलाइन की पालना के तहत उर्स की सभी रस्म बेहद सादगी और बिना भीड़ एकत्रित किये सोशल डिस्टेंसिंग के नियमो के तहत पूरी की गई,। इस दौरान बाहर के जायरीन बहुत सिमित मात्रा में दिनभर बाबा के दरबार में हाजिरी लगा कर फूल आदि पेश करते नजर आये किन्तु जुलुस आदि स्थगित रहने से मायूस ही लौटना पड़ा, साथ ही इस मर्तबा कलंदर पार्टी भी नही आई। इस अवसर पर जामा मस्जिद के पैश ईमाम, हाफीज नबाबुल हसन, हाजी फकीर मोहम्मद छीपा, इकबाल मोहम्मद शेख, हाजी मीरू खांन मंसुरी, हाजी मुबारिक मंसुरी, एडवोकेट शराफत हुसैन फोजदार, मुबारिक अजनबी, जाफर खांन फोजदार, फकरूद्दीन मंसुरी, आजाद हुसैन, काशम अली मंसुरी, बाबुभाई गगं, इब्राहिम मंसुरी, अकरम शेख सलीम शेख, मौहम्मद नूर शेख, सलीम भाई मंसुरी, चीनू मंसुरी, आदि मौजूद रहे। 

● पालीवाल वाणी ब्यूरों-M. Ajnabee-Kishan Paliwal...✍️

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