आमेट
आमेट धार्मिक वाणी : गौकथा के सुमिरन से मनुष्य भवसागर तर जाता : गौ संत हरे कृष्णा प्रभु
M. Ajnabee-Kishan Paliwalआमेट । समिप के गांव कुवाथल में संचालित राधा कृष्ण गौशाला में आयोजित एक दिवसीय गो कथा,हरि नाम सकीर्तन में आसपास के बडी संख्या में गौभक्तों ने भाग लिया तथा गौ माता की सेवा के लिए करीब 6 लाख 65 हजार रुपए की राशि गौशाला में भेंट की। इस अवसर पर राजस्थान में प्रशासनिक संत से विख्यात गो संत हरे कृष्णा प्रभु राकेश पुरोहित विकास अधिकारी के मुखारविंद से गौ कथा का रसोत्सव किया गया। गौकथा के आयोजक सदस्य हरीश पुरोहित ने पालीवाल वाणी को बताया की एक दिवसीय गौकथा में आड़ावाड़ा के 1008 संत हरिदास के सानिध्य में संपन्न हुआ।इस अवसर मेवाड़ के महान संत श्री श्री 1008 अवधेशानंद महाराज सूरजकुंड, रामदास महाराज आमेट, रमेशदास महाराज पबराना, बालाराम महाराज सूरत, दिनेशदास महाराज पबराना, श्रीप्रभु महाराज सैवंत्री, गोपी गिरी महाराज उपस्थित थे। इस अवसर पर प्रशासनिक संत से विख्यात गौ संत हरे कृष्णा प्रभु राकेश पुरोहित विकास अधिकारी के मुखारविंद से गौ कथा का वर्णन करते हुए कहा की वर्तमान में मनुष्य गौ माता की सेवा से दूर होता हुआ अपने निजी कार्यों के स्वार्थ में गौ माता को अपने से दूर कर रहा है। इसी का परिणाम है कि मनुष्य अपने धर्म से दूर हो गया है। जिस घर में भी गौ माता की सेवा पूजा की जा रही है। उस घर में सुख शांति समृद्धि का आवास हमेशा बना रहता है तथा जिन घरो में गौमाता से दूरी बनाई है वहां पर हमेशा अंतर कलह तथा सभी तरह के दुखों का वास होता है। गौ माताओं के लिए अनेक लोगों ने अपने प्राणों की आहुति तक दे डाली। जिसमें मारवाड़ के वीर तेजा के नाम से प्रसिद्ध एक योद्धा हुए थे। जिन्होंने गायों की रक्षा करते हुए अपने प्राण त्याग दिए थे। ऐसे ही लोग आज पूजनीय हैं,वंदनीय है,हमेशा हमें गौ माता की सेवा पूरे लगन के साथ करनी चाहिए,गौमाता को कभी भी अपनों से दूर नहीं करना चाहिए। हर युग में भगवान से लेकर इंसान तक गौ माता की पूजा करता आया है। जिस घर में गौ माता का पालन होता है। वहां पर भगवान की कृपा हमेशा बनी रहती है। उस घर में कभी भी किसी तरह का दुख प्रवेश नहीं करता।
आज के युग में हम पशुवत व्यवहार कर रहे हैं। यह सभी अज्ञानता के कारण हो रहा। आज भी हम गौमाता की सेवा करे तो उनकी शक्ति को समझ सकते हैं। गाय माता समस्त सुखो की दाता है। निरोगी काया के लिए नियमित गव्य पदार्थों के सेवन करना चाहिए। आज समाज मे जो विक्रान्ति फ़ैल रही है। उसका मुख्य कारण पाप का अन्न ग्रहण करने के बाद मन में अशांति फैलती है। भारत की संस्कृति की पहचान ही गौमाता है। गौमाता में समस्त देवी देवताओं का वास होता है। गौ माता की सेवा करने से समस्त देवी देवताओ का आशीर्वाद हम को प्राप्त होता है। अगर हम सच्चे मन से गौ सेवा के लिए आगे आएंगे तो हमारे लिए हमारे परिवार के लिए देश में सुख शांति होगी। गौ माता की सेवा आध्यात्मिक एवं वैज्ञानिक दोनों दृष्टि से इसका बहुत महत्व है। जिन घरों में गौ माता के चरण पड़ते हैं। वहां पर सभी तरह के सुख का आनंद मिलता है। मनुष्य को अपने जीवन में गौ माता की सेवा करनी चाहिए। साथ ही जहां कहीं भी गौ कथा का सुमिरन होता हो वहां पर जाकर गौकथा जरूर सुननी चाहिए। गो कथा के सुमिरन से मनुष्य भवसागर को तर जाता है। प्रशासनिक संत द्वारा गौकथा में लोगो से गौ माता के लिए सेवा हेतु दान की अपील की गई तो लोगों ने दिल खोलकर गौ सेवा के लिए दान दिए ओर गौकथा में करीब 5 लाख 55 हजार गौ माता के लिए लोगों ने दान दिया। साथ ही प्रवचन स्थल पर जब गौ माता के लिए झोली फैलाई गई तो करीब 1 लाख 20 हजार से अधिक की राशि गौभक्तो ने झोली में गौमाता सेवा के लिए दे दिए। गो कथा में समस्त संतो के साथ आमेट उपखंड अधिकारी निशा सहारन, आमेट नपा चेयरमैन कैलाश मेवाड़ा, कथा आयोजक मांगीलाल हीरालाल जोशी, हीरालाल पालीवाल नांदुडा वाले, वर्दीशंकर जी, रतन शर्मा, शंकरलाल जी, हरीश पुरोहित, सुखलाल गुर्जर, अशोक, भंवर पुरोहित, नारायणलाल जी, बक्तावर जोशी, सोहनलाल जी, नारूलाल शर्मा, लहरी लाल जी, राजमल जोशी, बालकिशन जोशी सहित कुआथल, आमेट, देवगढ, सरदारगढ़, आगरिया, सेवन्त्री, टीकर, सेलागुड़ा आदि गांवो से अनेक गौभक्त उपस्थित थे। इस कथा का व्यासपूजन आचार्य पुष्कर पारीक ने किया। मंच संचालन डालचंद कुमावत ने किया।
● पालीवाल वाणी ब्यूरों-M. Ajnabee-Kishan Paliwal...✍️
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