मध्य प्रदेश
पत्रकार श्री रमेश राठौर की मौत के पश्चात मानवता उस समय शर्मसार हुई ...
जगदीश राठौर की रिपोर्ट...✍️● मृत्यु के 6 घंटे पश्चात मेडिकल कॉलेज के स्टाफ ने सुपुर्द किया शव - अनेक परिजन हुए परेशान
रतलाम । (जगदीश राठौर...) रतलाम स्थित मेडिकल कॉलेज की चिकित्सा लापरवाही से हुई पत्रकार श्री रमेश राठौर की मौत के पश्चात मानवता उस समय शर्मसार हो गई जब मृतक श्री रमेश राठौर का शव काफी विनय अनुनय एवं कुछ सिफारिश के करीब 6 घंटे पश्चात एंबुलेंस में रखा गया. इस संवाददाता ने सजल नेत्रों से देखा कि अनेक परिवारजनों द्वारा शव को जल्दी परिजनों को सौंपने के बारंबार अनेक लोगों के प्रयास और निवेदन को कोई सुनने को तैयार नहीं था. बार-बार कहने के बावजूद भी हां मृतक की देह ला रहे हां बस थोड़ी देर में ला रहे हैं, किंतु देह एंबुलेंस तक आती नहीं. किसी का रुदन, किसी की व्यथा, और किसी की कोई मानवीय परेशानी को समझने को तैयार नहीं था. ड्यूटी डॉ प्रियल जैन से इस संवाददाता ने देरी का कारण पूछा तो वह बोले क्या करें. हॉस्पिटल में स्टाफ बहुत कम है, ऐसी स्थिति में हम क्या कर सकते हैं. खास बात यह है कि मृतक की देह 3 : 30 बजे पॉलिथीन में पैक होकर आ चुकी थी. लेकिन फिर भी अनावश्यक देरी की जा रही थी. डॉ जैन ने जब कर्मचारियों को फोन लगाया तब मृतक श्री रमेश राठौर की देह करीब 4 : 30 बजे एंबुलेंस में रखवाई. मंदसौर जिले के सीतामऊ और रतलाम के टाटानगर के परिजनों के साथ भी यही स्थिति रही. कॉलेज परिसर में लगे सफेद पांडाल में कुछ महिला एवं पुरुष बैठे और कुछ थके हारे अनेक परिवार के लोग शांत किंतु आंतरिक मन से चेहरे पर गुस्सा लिए देखे गए. मेरी ही आंखों के सामने प्लास्टिक में पूरी तरह पैक अनेक शव एंबुलेंस में रखने के पूर्व परिजनों द्वारा अंतिम दर्शन करते हुए देखे गए और जब वे अंतिम दर्शन कर रहे थे. तो रुदन और मृतक से बिछड़ने की किलकारियां गूंज रही थी. रतलाम जिले के समस्त जनप्रतिनिधियों एवं जिम्मेदारों की अपेक्षा है कि वह मेडिकल कॉलेज की इस दुर्दशा को जितना जल्द हो सके दुरुस्त करें अन्यथा जनता का आक्रोश उनके लिए मुसीबत का कारण बन सकता है.
● पालीवाल वाणी ब्यूरों-जगदीश राठौर...✍️