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बढ़ रहा ओमिक्रॉन का खतरा : इजराइल में ओमिक्रॉन से पहली मौत, 60 साल के ऊपर के लोगों को लगेगा चौथा डोज़
Paliwalwani
इजराइल. कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है. इजराइल में भी ओमिक्रॉन वेरिएंट से पहली मौत का मामला सामने आया है. वहीं ओमिक्रॉन से वरिष्ठ नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए इजराइल के प्रधानमंत्री ने कोविड वैक्सीन (Corona Vaccine) की चौथी डोज लगवाने का ऐलान किया है. 60 साल के ऊपर के लोगों को वैक्सीन की चौथी डोज (Covid Vaccine 4th Dose) लगाई जाएगी. प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने कहा कि इजराइल के नागरिक दुनिया में पहले ऐसे नागरिक हैं, जिन्हें वैक्सीन की तीसरी डोज मिली है. हम आगे भी लोगों को चौथी डोज देना जारी रखेंगे.
रिपोर्ट के अनुसार ओमिक्रॉन से मरने वाला पहला मरीज कई बीमारियों से जूझ रहा था. मरीज की उम्र तकरीबन 60 वर्ष थी और उसे दो हफ्ते पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था. मरीज का पीसीआर (RT-PCR )टेस्ट किया गया, जिसके बाद उसे डीएनए एनालिसिस के लिए भेजा गया. इजराइल मीडिया ने इस खबर को रिपोर्ट करते हुए कहा है कि मरीज को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी थी.
इससे पहले मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) ने कहा था कि इजराइल में ओमिक्रॉन वेरिएंट के 340 ज्ञात मामले हैं. इजराइल की सरकार ने पहले ही सरकारी दफ्तरों में कर्मचारियों की उपस्थिति को 50 फीसदी कर दिया है. रक्षा मंत्री ने निर्देश दिया है कि वह देश में किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहे. उन्होंने कहा कि देश में अगर प्रति दिन 5000 मामलों आते हैं तो उस लिहाज से अपनी तैयारी रखें.
एक और जहां दुनिया के कई देशों में लोगों को वैक्सीन की पहली डोज भी नहीं मिल सकी है, वहीं इजराइल में अबतक 2.8 मिलियन (28 लाख) लोगों को वैक्सीन के बूस्टर डोज के रूप में तीसरी खुराक दी जा चुकी है. इजराइल जैसे देशों के लिए वैक्सीनेशन का कार्य इतना आसान इसलिए भी है, क्योंकि वहां की जनसंख्या फिलहाल (90.5 लाख, साल 2019 के आंकड़ों के अनुसार) ही है.
इजराइली स्वास्थ्य मंत्रालय के महानिदेशक नचमन ऐश ने एक रेडियो चैनल से बातचीत में कहा, ‘हम देश के लोगों को कोरोना से सुरक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं. कोरोना के नए वेरिएंट्स से खतरे को देखते हुए अगस्त के शुरुआती सप्ताह से देश के लोगों को वैक्सीन के बूस्टर डोज देने की शुरुआत हो चुकी है. जिस तरह से कोरोना के नए और अधिक संक्रामक वेरिएंट्स के मामले सामने आ रहे हैं, ऐसे में लग रहा है कि आने वाले समय में लोगों को अतिरिक्त सुरक्षा की आवश्यकता हो सकती है. वैक्सीन की बूस्टर डोज की प्रभाविकता लंबे समय तक रह सकती है.’