अयोध्या. ना जाने कितनी पीढ़ियां और 500 सालों से चला आ रहा बस एक सपना अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनने का. ना जाने कितनी आंखें इस ख्वाब को साथ लेकर इस दुनिया से चली गईं. लोगों ने लाठियों से लेकर गोलियां खाईं, दशकों तक कोर्ट में मामला चला. तारीख पर तारीख मिलीं. बेंच बदलीं, जज बदले. लेकिन फैसला नहीं आ पाया. एक समय तो ऐसा लगा जैसे राम मंदिर का मामला लटका ही रह जाएगा. मायूसी छाने लगी थी. लेकिन दिल में एक उम्मीद थी कि कभी ना कभी उस जगह पर मंदिर जरूर बनेगा.
वक्त बदला. सत्ता बदली. देश में सियासत का रुख बदला. मई 2014 को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में प्रचंड जीत के साथ बीजेपी की सरकार आई तो अंधेरे में एक रोशनी सी जगी कि राम मंदिर का दशकों पुराना सपना साकार हो सकता है. समय गुजरा और साल आया 2019. पहले से भी बड़ी जीत के साथ मोदी सरकार सत्ता में आई और सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिदिन इस मामले की सुनवाई की. आखिर में नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए राम मंदिर बनने का रास्ता साफ किया तो देश ही नहीं बल्कि दुनिया के करोड़ों लोगों के चेहरे खिल उठे.
अब राम मंदिर बनने का सपना साकार हो गया है. 22 जनवरी को अयोध्या में वो घड़ी आएगी, जब रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी. कार्यक्रम में मुख्य यजमान पीएम नरेंद्र मोदी हैं. वह 11 दिनों के यम नियम का पालन करने के साथ-साथ दक्षिण भारत के कई अहम मंदिरों का दौरा कर चुके हैं. रामलला का मंदिर में अभिषेक 22 जनवरी 2024 को दोपहर 12 बजकर 15 मिनट से 12 बजकर 45 मिनट के बीच होगा. एकादशी के मुहूर्त में रामलला को जो टेंट में अस्थाई मंदिर में हैं, उनको उस दिव्य भव्य मंदिर में जहां पर नई मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हो रही है, स्थापित किया जाएगा. इनकी साल 1949 से पूजा हो रही है
अयोध्या धाम में रामलला के भव्य प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की तैयारी पूरी हो चुकी है. देश और दुनियाभर से तमाम अयोध्या नगरी पहुंच चुके हैं. प्राण प्रतिष्ठा के लिए राम मंदिर को फूलों से सजाया गया है. 2500 क्विंटल फूलों से राजा राम के महल को संवारा गया है. घाट से लेकर मंदिर तक राम नगरी का हर कोना चमक रहा है. राम की पैड़ी पर लेजर लाइट शो भी सबके आकर्षण का केंद्र है. चमकती हुई अयोध्या में राम और उनके जीवन से जुड़े सभी प्रसंग अलग-अलग स्वरूप में देखने को मिल रहे हैं.
जो भी अयोध्या पहुंच रहा है वो पूरी तरह से राम भक्ति में डूब जा रहा है. साधु संतों अयोध्या की हर गली में राम का उद्घोष कर रहे हैं. कोई अपनी विशेष भक्ति प्रदर्शित कर रहा है तो कोई राम के भजन गा रहा है.
अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा से पहले राम मंदिर परिसर में दो घंटे तक 50 से ज्यादा वाद्ययंत्रों की स्वर लहरी गूंजेगी. बताया गया कि अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर होने वाली प्राण प्रतिष्ठा समारोह की शुरुआत सुबह 10 बजे 'मंगल ध्वनि' से होगी. इसमें उत्तर प्रदेश का पखावज, बांसुरी और ढोलक तो होगा ही, साथ ही कर्नाटक की वीणा की तान सुनाई पड़ेगी. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से ठीक पहले पंजाब का अलगोजा बजेगा. और इस मंगल वादन में महाराष्ट्र की सुन्दरी की स्वर लहरी भी गूंजेगी. मंगलोत्सव में मंगल ध्वनि के वाद्ययंत्रों में बिहार के पखावज को भी शामिल किया गया है. जिसके साथ उत्तराखंड का हुड़का उसी त्रेता युग का अहसास कराएगा, जिसकी कल्पना ही की जाती रही है.
अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर पीएम मोदी के लिए खास मंच तैयार किया गया है. राम मंदिर परिसर में पीएम मोदी के बैठने के लिए ये 14 फीट ऊंचा मंच तैयार किया गया है. इस मंच को मंदिर परिसर के चबूतरे पर बनाया गया है, जो मंदिर के अंदर जाने वाली सीढ़ियों के ठीक सामने है. इस मंच को पूरी तरह से भगवा रंग में तैयार किया गया है, साथ ही उसमें कई किस्म के फूल भी लगाए गए हैं. माना जा रहा है कि इसी मंच से कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी का संबोधन भी होगा. वहीं बाकी खास मेहमानों के बैठने के लिए सामने की तरफ सोफे और कुर्सियां लगाई गईं हैं.
प्राण प्रतिष्ठा के लिए अयोध्या में VIP मेहमानों के आने का सिलसिला शुरू हो गया है. कई फिल्मी सितारे अयोध्या और लखनऊ पहुंच चुके हैं. रविवार को सबसे पहले कंगना रनौत अयोध्या पहुंचीं, जहां दोपहर 12 बजे के आस-पास उन्होंने हनुमानगढ़ी के दर्शन किए. बजरंग बली के दर्शन के बाद कंगना ने मंदिर परिसर में झाड़ू भी लगाई.सुपरस्टार रजनीकांत भी शाम 5 बजे के करीब अयोध्या पहुंच गए...रामनगरी में रजनीकांत का तिलक लगाकर स्वागत किया गया.एक्टर रणदीप हुड्डा भी शाम 5 बजे के बाद लखनऊ पहुंचे...अपनी धर्मपत्नी के साथ वो प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होंगे. मुंबई से रवाना होते वक्त अभिनेता अनुपम खेर ने प्राण प्रतिष्ठा को लेकर अपनी खुशी जाहिर की.पूर्व भारतीय क्रिकेटर वेंटकेश प्रसाद ने भी अयोध्या जाकर तस्वीरें खिंचवाई
पारंपरिक नागर शैली में बना मंदिर परिसर 380 फुट लंबा (पूर्व-पश्चिम दिशा), 250 फुट चौड़ा और 161 फुट ऊंचा है. मंदिर की प्रत्येक मंजिल 20 फुट ऊंची है और इसमें कुल 392 स्तंभ और 44 द्वार हैं. मंदिर के स्तंभों और दीवारों पर हिंदू देवी-देवताओं के चित्र अंकित हैं. भूतल पर मुख्य गर्भगृह में भगवान श्री राम के बाल स्वरूप (श्री रामलला की मूर्ति) को रखा गया है. मंदिर का मुख्य प्रवेश द्वार पूर्वी दिशा में स्थित है, जहां 'सिंह द्वार' के माध्यम से 32 सीढ़ियां चढ़कर पहुंचा जा सकता है. मंदिर में पांच मंडप- नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्राथना मंडप एवं कीर्तन मंडप हैं.
बयान में कहा गया कि मंदिर के पास सीता कूप है, जो प्राचीन काल का एक ऐतिहासिक कुआं है. कुबेर टीला में मंदिर परिसर के दक्षिण-पश्चिमी भाग में जटायु की मूर्ति की स्थापना के अलावा प्राचीन शिव मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया है. बयान के मुताबिक, मंदिर में कहीं भी लोहे का इस्तेमाल नहीं किया गया है. जमीन की नमी से सुरक्षा के लिए ग्रेनाइट का उपयोग करके 21 फुट ऊंचे चबूतरे का निर्माण किया गया है. मंदिर परिसर में एक मल-जल शोधन संयंत्र, जल शोधन संयंत्र, अग्नि सुरक्षा के लिए जल आपूर्ति और एक स्वतंत्र बिजली स्टेशन है. बयान में कहा गया कि मंदिर का निर्माण देश की पारंपरिक और स्वदेशी तकनीक से किया गया है.
प्राण प्रतिष्ठा से पहले अयोध्या नगरी छावनी में तब्दील हो गई. शहर के चप्पे-चप्पे की निगरानी के लिए अयोध्या के हर प्रमुख स्थान पर सुरक्षाबलों को तैनात किया गया. इस वक्त रामनगरी में होने वाली हर गतिविधि पर कड़ी नज़र रखी जा रही है. आज सुबह ही यूपी रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों को अलग-अलग चौराहों पर तैनात कर दिया गया. महिला जवान भी पूरी तैयारी के साथ अयोध्या में तैनात हैं. हाथों में हथियार लेकर ये महिला कमांडो किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए तैयार हैं. अयोध्या की सुरक्षा कितनी कड़ी रखी गई है, वो आप यहां तैनात सुरक्षाबलों की संख्या से जान सकते हैं.
यूपी के डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा, 12 से 13 हजार लोग सुरक्षा व्यवस्था में लगाए गए हैं. इसके अतिरिक्त अन्य विभागों के कर्मी भी वहां पर हैं. और इन सभी विभागों के बीच समन्वय बैठाने के लिए पुलिस के आला अधिकारी अयोध्या में जुटे हैं. एक मास्टर कंट्रोल रूम के जरिए पूरी अयोध्या को इन बड़े-बड़े स्क्रीन्स पर देखा जा रहा है. फिलहाल अयोध्या की सुरक्षा के लिए सुरक्षाबल हैं, उनके साथ एंटी ड्रोन सिस्टम है, पूरे में शहर में CCTV के साथ AI तकनीक का भी इस्तेमाल हो रहा है. यानी सुरक्षा ऐसी है कि कोई सपने में भी यहां कुछ गलत करने के बारे में नहीं सोच सकता.