उत्तर प्रदेश/ मोदीपुरम : सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय और भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के बीच अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए. खाद्यान्न की मांग को पूरा करने के लिए उपाय किए जाएंगे और खाद्य उत्पादन बढ़ाने में उन्नत प्रजातियों के गुणवत्ता युक्त बीजों की अहम भूमिका होगी.
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली द्वारा विकसित धान, गेहूं, दलहन, तिलहन आदि फसलों की नई-नई उन्नतशील प्रजातियों के ब्रीडर बीज सरदार वल्लभभाई कृषि विवि की फार्म पर वैज्ञानिकों की देखरेख में उत्पादित किए जाएंगे. प्रगतिशील किसानों की गुणवत्ता युक्त बीज की मांग को पूरा करने के साथ किसानों की आय में वृद्धि हो सकेगी.
इस अवसर पर विश्वविद्यालय कुलपति डॉ आरके मित्तल ने डॉ एसके सिंह निदेशक भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान का स्वागत किया और विश्वविद्यालय में चल रहे, शोध शिक्षा प्रसार कार्यक्रम के संबंध में जानकारी दी. कहा कि इस प्रकार का अनुबंध विश्वविद्यालय की प्रगति के लिए मील का पत्थर साबित होगा. इस मौके पर डॉ डीके सिंह, डॉ पीके सिंह, डॉ एनएस राणा, डॉ विजेंद्र सिंह, प्रोफेसर शमशेर डॉ राजवीर सिंह, डॉ लोकेश कुमार गंगवार मौजूद रहे.
इस मौके पर डॉ मित्तल ने कहा, किसानों के हित के लिए मिलकर काम करना हमेशा अच्छा होता है. हम इन्सेक्टिसाइड्स (इंडिया) लिमिटेड (IIL) के साथ इस संबंध की शुरुआत को लेकर बहुत खुश और आशान्वित हैं. किसान आज नई-नई चीजें सीखने को तैयार हैं, हम इस प्रोजेक्ट के तहत किसानों के साथ मिलकर काम कर सकते हैं. हमें विश्वास है कि आई.आई.एल. फाउंडेशन और वैज्ञानिकों तथा विशेषज्ञों की हमारी टीम निश्चित रूप से किसानों के लिए बदलाव लाएगी.