तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे, आठ बार विधायक रहे, सात बार लोकसभा सांसद रहे और एक बार देश के रक्षा मंत्री रहे मुलायम सिंह अब हमारे बीच नहीं रहे. सोमवार की सुबह उनके निधन की बुरी खबर लेकर आई है. अपने समर्थकों के बीच मुलायम सिंह यादव ‘नेताजी’ के नाम से लोकप्रिय थे. 82 साल की उम्र में मुलायम सिंह यादव ने दुनिया को अलविदा कह दिया. वे कुछ दोनोंदिनों से गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती थे. वे कई शारीरिक समस्याओं से जूझ रहे थे. कई दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहने के बाद सोमवार को सुबह 8.16 मिनट पर उन्होंने आख़िरी सांस ली.
मुलायम न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि वे देश की राजनीति में भी बड़ा चेहरा थे. मुलायम का जन्म 22 नवंबर 1939 को उत्तर प्रदेश के सैफई में किसान परिवार में हुआ था. मंगलवार को सैफई में ही मुलायम का अंतिम संस्कार किया जाएगा. मुलायम अपने राजनीतिक करियर के साथ ही अपने निजी जीवन को लेकर भी चर्चा में रहे. मुलायम सिंह ने दो शादियां की थी. उनकी पहली शादी मालती देवी से हुई थी. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा सरंक्षक मुलायम की पहली पत्नी का निधन साल 2003 में हो गया था. मुलायम और अखिलेश एक बेटे अखिलेश यादव के माता-पिता बने थे.
साल 2003 में मुलायम की पहली पत्नी का निधन हुआ और इसी साल मुलायम ने दूसरी शादी कर ली थी. मुलायम की दूसरी पत्नी का नाम साधना गुप्ता था. मुलायम साधना से 20 साल बड़े थे. बता दें कि यह मुलायम के साथ ही साधना की भी दूसरी शादी थी. उनकी पहली शादी साल 1986 में फर्रुखाबाद के चंद्रप्रकाश गुप्ता से हुई थी.
साधना पहली शादी टूटने के बाद मुलायम के संपर्क में आई. दोनों के बीच अक्सर मुलाकातें होती रहती थी. दोनों की शादी चाहे साल 2003 में हुई हो लेकिन दोनों के बीच रिश्ता बहुत सालों पहले जुड़ चुका था. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि साधना की पहली शादी से हुए बेटे प्रतीक यादव ने साल 1993 में स्कूल फॉर्म पर पिता का नाम एमएस यादव और पते में मुलायम सिंह के ऑफिस का पता दिया था.
जब मुलायम सिंह की मां अस्पताल में भर्ती थी तब उनका ख्याल साधना ने रखा था. मुलायम का दिल साधना ने उस समय जीत लिया जब एक नर्स मुलायम की मां को गलत इंजेक्शन लगाने वाली थी और साधना की सूझ बूझ से मुलायम की मां की जान बच गई. इस वाकये ने दोनों को करीब लाने का काम किया.
गुरुग्राम के जिस मेदांता अस्पताल में मुलायम ने आख़िरी सांस ली उसी अस्पताल में इसी साल करीब तीन माह पहले साधना ने भी अंतिम सांस ली थी.