उत्तरप्रदेश. वाराणसी की एमपी-एमएलए कोर्ट ने अवधेश राय हत्याकांड में अपना फैसला सुना दिया है. मुख्तार अंसारी को दोषी करार देते हुए कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई है.लगभग 32 साल बाद कोर्ट का यह फैसला आया है. अवधेश राय कांग्रेस नेता अजय राय के भाई थे. शहर के चेतगंज थाने से महज 50 मीटर दूर बदमाशों ने अवधेश राय की गोली मारकर हत्या कर दी थी.
अवधेश राय मर्डर केस में यह फैसला एमपी-एमएल कोर्ट के जज अवनीश गौतम ने सुनाया है. इससे पहले 22 मई को इस केस में अंसारी की बांदा जेल से वर्चुअल पेशी हुई थी, तब जज ने फैसले को सुरक्षित रख लिया था. इस हत्याकांड को बदमाशों ने 3 अगस्त 1991 को अंजाम दिया था. तब अवधेश के भाई अजय राय ने पांच लोगों को आरोपी बनाया था, जिसमें से एक मुख्तार भी शामिल था.
अजय राय ने वाराणसी के चेतगंज थाने में भाई की हत्या को लेकर एक शिकायत दर्ज कराई थी. इस हत्याकांड में मुख्तार के अलावा पूर्व विधायक अब्दुल कलाम का भी नाम सामने आया था. साथ ही भीम सिंह और राकेश को भी पुलिस ने आरोपी बनाया था. यह एक हाईप्रोफाइल केस था, इस वजह से तब की सरकार ने जांच का जिम्मा सीबीसीआईडी को सौंप दिया था.
बताया जा रहा है कि जिस दिन अवधेश की हत्या हुई, उस दिन शहर में बारिश का मौसम बना हुआ था. हल्की बूंदा-बांदी हो रही थी. घर के सामने अवधेश राय अपने भाई अजय राय दोनों कोई बात कर रहे थे. तभी अचानक घर के सामने एक मारूति आई. दोनों भाई कुछ समझ पाते, तबतक गाड़ी से निकले बदमाशों ने फायरिंग शुरू कर दी. अवधेश राय इस हमले में बुरी तरह जख्मी हो गए. उन्हें तत्काल शहर के एक सरकारी अस्पताल में ले जाया गया. लेकिन, डॉक्टर उनकी जान नहीं बचा सके और उनकी मौत हो गई.
अवधेश राय की हत्या ने तब मीडिया में खूब सूर्खियां बटोरी थीं. जिसने भी घटना के बारे में सुना, सन्न रह गया. इस हत्याकांड से मुख्तार अंसारी का खौफ वाराणसी के आसपास के इलाकों में और बढ़ गया. हालांकि, इस मर्डर केस ने पुलिस की भी जमकर किरकरी कराई. क्योंकि, जहां पर अवधेश का मर्डर हुआ था, वहां से थाना महज 50 मीटर की दूरी पर था.