उज्जैन. हरसिद्धी मंदिर के पीछे योगीपुरा में रहने वाले रिटायर्ड निगमकर्मी की उसके पोतों ने रुपयों के लालच में हत्या कर दी और सोने चांदी के आभूषण लेकर भाग गये, जिन्हें चैकिंग के दौरान निम्बाहेड़ा राजस्थान पुलिस ने पकड़ा और पूछताछ की तो उन्होंने दादा की हत्या करना कबूला। महाकाल पुलिस दोनों पोतों को पकड़कर चोरी के आभूषण सहित उज्जैन लेकर आई है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार मोहनलाल पिता दुलीचंद 64 वर्ष निवासी हरसिद्धी मंदिर के पीछे रामद्वारा के पास नगर निगम का रिटायर कर्मचारी था और अकेला रहता था। शुक्रवार दोपहर मोहनलाल के समधी रमेश पिता भागीरथ शर्मा 59 वर्ष निवासी बंशी का बाड़ा जयसिंहपुरा ने सूचना दी कि मोहनलाल की खून से लथपथ लाश घर में पड़ी है। मोहनलाल के पुत्र राजेश शर्मा ने फोन पर रमेश को घर जाकर पिता को देखने की सूचना दी थी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव बरामद किया व जांच शुरू की।
उसी दौरान निम्बाहेड़ा राजस्थान पुलिस से सूचना मिली कि चैकिंग के दौरान बाइक सवार दो युवक दिलखुश प्रजापत और बालकृष्ण प्रजापत को सोने चांदी के आभूषण के साथ पकड़ाने पर चोरी की शंका में गिरफ्तार किया है। उक्त युवकों ने निम्बाहेड़ा पुलिस को बताया कि हम उज्जैन में रहने वाले दादा की हत्या कर आभूषण लेकर बाइक से भीलवाड़ा जा रहे थे। इस पर महाकाल थाने की पुलिस की टीम को निम्बाहेड़ा रवाना किया गया जहां से पुलिस दोनों पोतों को आभूषण के साथ गिरफ्तार कर थाने लाई और पूछताछ शुरू की।
पुलिस ने बताया कि मोहनलाल की पहली पत्नी की 30 वर्ष पहले मृत्यु हो चुकी थी उसके बाद मोहनलाल ने कोयलीबाई प्रजापत से लव मैरीज कर ली थी। कोयली बाई पहले पति को छोड़ चुकी थी और पहले पति से उसका पुत्र था उसी पुत्र के दोनों आरोपी बेटे हैं जो भीलवाड़ा में रहते हैं।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि दिलखुश और बालकृष्ण सावन माह शुरू होने के पहले उज्जैन आये थे और हरसिद्धी मंदिर क्षेत्र में गुटखा, पाउच व अन्य खाद्य सामग्री की दुकान भी संचालित कर रहे थे। पुलिस ने बताया कि एक पोता 11 वीं का छात्र है जबकि दूसरा भीलवाड़ा की फैक्ट्री में काम करता था।