स्पा संचालक महिला द्वारा अपने मकान मालिक अरविंदर सिंह नील पर लगाए बलात्कार के आरोप पर हाईकोर्ट के विद्वान न्यायाधीश महोदय द्वारा अग्रिम जमानत स्वीकृत कर मकान मालिक अरविंदर सिंह नील की गिरफ्तारी पर रोक का आदेश दिया. हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट श्री विवेक सिंह जी ने विद्वान न्यायाधीश महोदय के समक्ष निम्नलिखित तर्क प्रस्तुत किए.
1. रेंट एग्रीमेंट 30 सितंबर 2022 की समाप्ति के 4 दिन पहले 26 सितंबर को बलात्कार का केस दर्ज करवाना संदिग्ध लगता है ! जबकि घटना का समय 6 माह पूर्व का बताया गया.
2. 10 सितंबर 2022 को जिस महिला को क्राइम ब्रांच ने अनैतिक देह व्यापार मैं लिप्त होने पर प्रकरण दर्ज कर जेल भेजा हो उस महिला द्वारा 15 दिन बाद मकान मालिक अरविंदर सिंह नील पर बलात्कार का प्रकरण दर्ज करवाना संदिग्ध लगता है !
3. बलात्कार का आरोप लगाने वाली महिला द्वारा संचालित स्पा की बिल्डिंग के मालिक अरविंदर सिंह नील से व्हाट्सएप चैटिंग में अप्रैल 2022 में स्वयं के देह व्यापार मैं सनलिप्त होने की स्वीकृति वाली व्हाट्सएप चैटिंग विद्वान न्यायाधीश महोदय के सामने प्रस्तुत की गई.
4. स्पा का संचालन करने वाली महिला द्वारा अपने मकान मालिक अरविंदर सिंह नील पर बलात्कार का आरोप लगाया है जबकि बलात्कार की शिकायत करने के 5 दिन पहले ( 21 सितंबर 2022 ) तक बार-बार व्हाट्सएप चैटिंग में डैडी ( पिताजी )कह कर संबोधित करना ! जबकि घटना का समय 6 माह पूर्व का बताना संदिग्ध लगता है ! डैडी संबोधित किए हुए कई व्हाट्सएप मैसेज विद्वान न्यायधीश महोदय के समक्ष प्रस्तुत किए गए !
उक्त सभी तर्कों पर हाईकोर्ट के विद्वान न्यायधीश महोदय ने विचार उपरांत आरोपी अरविंदर सिंह नील को अग्रिम जमानत प्रदान कर उनकी गिरफ्तारी पर रोक का आदेश दिया!