उज्जैन.
स्वर्गीय नागूलाल मालवीय शासकीय महाविद्यालय घटिया के प्राचार्य डॉक्टर शेखर मैदमवार पर अतिथि विद्वान द्वारा यौन उत्पीड़न मानसिक रूप से प्रताड़ित कर अभद्र भाषाओं का प्रयोग करने का आरोप लगाया था. लेकिन एक कहावत है, सत्य परेशान होता है पराजित नहीं.
महिला शिक्षक द्वारा इस प्रकार के आरोप जब प्राचार्य पर लगाए गए और उसकी शिकायत घटिया पुलिस स्टेशन पर की गई घटिया थाने में पदस्थ सब इंस्पेक्टर शैलेंद्र सिंह अलावा द्वारा महिला शिक्षक द्वारा दिए गए शिकायत पत्र की गहराई से जांच की. कॉलेज में सीसी टीवी कैमरा के फुटेज मोबाइल से की गई.
वीडियो रिकॉर्डिंग कॉलेज में स्टाफ से पूछताछ पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं से पूछताछ के दौरान कई प्रकार से पुलिस ने अपने स्तर पर जांच के दौरान महिला शिक्षक प्राचार्य के सामने फाईल फेंकती दिखाई दी और ऊंची आवाज में बोलते दिखाई दी. लेकिन प्राचार्य कहीं से भी गलती में नहीं पाए गए.
पुलिस जांच के अनुसार स्वर्गीय नगुलाल मालवीय महाविद्यालय के प्राचार्य शेखर मेडमवार द्वारा आवेदीका को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर अभद्र भाषा का प्रयोग कर कार्य स्थल पर यौन उत्पीड़न करने के तथ्य नहीं पाए गए. महिला शिक्षक द्वारा प्राचार्य पर लगाए गए सभी आरोप पुलिस जांच के अनुसार निराधार है.
बताया जाता है, महिला शिक्षक कॉलेज में अपने समय पर कभी भी नहीं पहुंच पाती थी. उसको लेकर प्राचार्य ने कारण बताओं नोटिस दे दिया. जिसका जवाब नहीं देने पर प्राचार्य पर महिला शिक्षक द्वारा इस प्रकार के आरोप लगाकर प्राचार्य को बदनाम करने मैं कोई कसर नहीं छोड़ी. झूठी शिकायत करने पर महिला शिक्षक पर भी हो सकता है अपराध पंजीबद्ध.
यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है, महाविद्यालय के प्रति समर्पित प्राचार्य जो महाविद्यालय की विकास के लिए एवं प्रगति के पथ पर ले जाने के लिए दिन-रात लगे हुए है. यह वही प्राचार्य है, जिन्होंने महाविद्यालय में विद्यार्थियों खासकर ग्रामीण क्षेत्र की बेटियों के लिए निःशुल्क ई-रिक्शा की व्यवस्था की है.
इन्होंने महाविद्यालय में वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था की है, जिससे भविष्य में पानी की समस्या से निजात मिल सके. शासन के विभिन्न आयोजनों को करने वाला यह अग्रणी महाविद्यालय है. उच्च शिक्षा विभाग के विभिन्न अधिकारियों द्वारा इनके द्वारा किए गए कार्यों की भूरी-भूरी प्रशंसा की जाती रही है.
महाविद्यालय इतना व्यवस्थित और साफ सुथरा है कि जब मीडिया टीम इस महाविद्यालय में पहुंची, ऐसा लगा किसी प्राइवेट इंस्टीट्यूशन में है. अब देखना है कि उच्च शिक्षा विभाग इन दोनों महिला अतिथि शिक्षक के ऊपर क्या कार्रवाई करती है.