उदयपुर में शुरू होने जा रही जनजाति हॉकी एकेडमी को अब सरकार के निर्देशों का इतंजार है। उदयपुर में खुली जनजाति क्षेत्र की इस पहली एकेडमी की लगभग सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। एकेडमी के सलेक्शन ट्रायल पूरे हो चुके हैं। एकेडमी के लिए बच्चों को सलेक्ट भी कर लिया गया है। बच्चों के लिए कोच भी तय कर लिए गए हैं। हॉस्टल और स्कूल्स की व्यवस्था भी कर ली गई है। एकेडमी को अब सरकार के निर्देशों का इंतजार है कि कब सरकार कोविड प्रोटोकॉल के तहत एकेडमी, हॉस्टल और स्कूल्स शुरू करती है।
जनजाति हॉकी एकेडमी के लिए विभाग ने 70 खिलाड़ियों का चयन किया है। इसमें 40 लड़के, 30 लड़कियां शामिल हैं। सलेक्शन ट्रायल में स्ट्रेंथ टेस्टिंग, बैटरी टेस्ट सहित अन्य स्किल्स के आधार पर इन खिलाड़ियों का चयन किया गया है। ये सभी खिलाड़ी जनजाति विभाग के हॉस्टल्स में रहेंगे। इनकी कोचिंग, स्कूलिंग, रहना-खाना सभी सबकुछ जनजाति विभाग करेगा।
इन खिलाड़ियों को कोचिंग के लिए हॉकी एस्ट्रोटर्फ भी तैयार है। उदयपुर में राजस्थान का तीसरा हॉकी एस्ट्रोटर्फ खेलगांव में बना है। यहीं पर खिलाड़ियों को हॉकी की कोचिंग दी जाएगी। जनजाति आयुक्त प्रज्ञा केवलरमानी बताती हैं कि कोचिंग के लिए कोच के साथ एमओयू कर लिया गया है। हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के पुत्र अशोक ध्यानचंद खिलाड़ियों को कोचिंग देंगे। प्रज्ञा ने बताया कि एकेडमी और विभाग पूरी तरह तैयार है, सरकार जैसे ही कोचिंग-स्कूलिंग शुरू करने के आदेश देगी हम कोचिंग शुरू कर देंगे।