चन्द्र शेखर मेहता
उदयपुर. अखिल भारतीय नववर्ष समारोह समिति ने आज भारत विकास परिषद मेवाड और बजरंग सेना मेवाड के साथ अस्थल मंदिर में "भारत स्वाभिमान जागरण दिवस" का आयोजन किया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि समिति के संरक्षक अस्थल मंदिर के महंत महामंडलेश्वर रासबिहारी शरण शास्त्री थे. जबकि अध्यक्षता समिति के राष्ट्रीय सचिव डॉ. प्रदीप कुमावत ने की.
इस अवसर पर गुलामी कीमानसिकता से बाहर आने और भारतीय नववर्ष (चैत्र शुक्ल प्रतिपदा) को ही नववर्ष के रूप में मनाने का संदेश देने वाले 10 बैनरों का लोकार्पण किया गया. इन बैनरों को शहर के विभिन्न चौराहों पर भी लगाया गया. मुख्य अतिथि रासबिहारी ने कहा कि हमें गुलामी की मानसिकता से बाहर निकलना होगा और अपने नववर्ष को भारतीय संस्कृति के अनुरूप मनाना चाहिए.
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ. प्रदीप कुमावत ने कहा कि "धीरे-धीरे लोगों की मानसिकता बदल रही है. बाली के न्येपी उत्सव की तरह जहां भारतीय पंचांग के अनुसार ध्यान दिवस के रूप में नववर्ष मनाया जाता है. हमें भी अपने नववर्ष को शांतिपूर्ण और आध्यात्मिक रूप से मनाना चाहिए.
बाली का यह उत्सव भारतीय संस्कृति का आदर्श उदाहरण है. हमें अपनी परंपराओं को पुनर्जीवित करके जन्म से मृत्यु तक सभी उत्सवों और व्रत-त्योहारों को भारतीय नववर्ष के आधार पर मनाने की दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए. इस अवसर पर प्रमुख मुख्य अतिथि अस्थल मंदिर के महंत महामंडलेश्वर रासबिहारी शरण शास्त्री थे, जबकि अध्यक्षता समिति के राष्ट्रीय सचिव डॉ. प्रदीप कुमावत ने की. ये जानकारी चन्द्र शेखर मेहता पत्रकार ने दी.