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सावन शिवरात्रि 2023 : जानें क्या है शिवलिंग पर जलाभिषेक करने का सही तरीका?

धर्मशास्त्र Published by: Paliwalwani Updated Mon, 17 Jul 2023 03:30 AM
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हिन्दू पंचांग के अनुसार, आज सावन शिवरात्रि है। यह पर्व हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। धर्म शास्त्रों में निहित है कि महाशिवरात्रि तिथि पर भगवान शिव और माता पार्वती परिणय सूत्र में बंधे थे। अतः शिवरात्रि तिथि का विशेष महत्व है। कालांतर में माता पार्वती ने भगवान शिव की कठिन तपस्या की थी। कठिन तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने माता पार्वती को अर्धांगिनी रूप में स्वीकार्य किया था। अतः अविवाहित जातक शीघ्र विवाह हेतु शिवरात्रि पर भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। वहीं, विवाहित स्त्रियां सुख, संतान और सौभाग्य की प्राप्ति हेतु शिवरात्रि का व्रत करती हैं। शिवरात्रि करने के कई कठोर नियम हैं। इन नियमों का पालन करने से व्रत पूर्ण होता है। अगर आप भी इच्छित वर की प्राप्ति हेतु सावन शिवरात्रि का व्रत कर रहे हैं, तो व्रत नियम जरूर जान लें। आइए जानते हैं-

सावन शिवरात्रि के दिन क्या करें

  • सावन शिवरात्रि के दिन स्नान-ध्यान कर सर्वप्रथम गंगाजल से भगवान शिव का अभिषेक करें। तत्पश्चात, कच्चे दूध से अभिषेक करें। अंत में सामान्य जल में बेलपत्र और सुगंध मिलाकर अर्घ्य दें। आप चाहे तो पीतल के पात्र में दूध, दही, शहद, गंगाजल और पानी मिश्रित पंचामृत से भगवान शिव का अभिषेक करें।
  • महिलाएं पूजा के समय माता पार्वती को पूजा के समय श्रृंगार का सामान, हरी चूड़ियां और सिंदूर अर्पित करें। सिंदूर अर्पित कर माथे पर जरूर लगाएं। अविवाहित लड़कियां इस समय 'राम रक्षा स्त्रोत' का पाठ करें।
  • सावन शिवरात्रि पर सात्विक विचार मन में रखें। अतः मन ही मन शिव सुमिरन करें।
  • भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए शिवलिंग पर भांग, धतूरा, बेलपत्र आदि चीजें अर्पित करें। इस समय शिव चालीसा का पाठ और आरती करें।
  • सावन शिवरात्रि पर ब्रह्मचर्य नियमों का पालन अवश्य करें।

क्या न करें

  • सावन शिवरात्रि पर अन्न ग्रहण न करें। अगर आप व्रत-उपवास रख रहे हैं, तो संध्या आरती के पश्चात फलाहार करें। दिन के समय में भी फल ही ग्रहण करें। सावन शिवरात्रि के अगले दिन पूजा-पाठ कर व्रत खोलें। इस समय अन्न ग्रहण कर सकते हैं।
  • सावन शिवरात्रि पर दिन में सोने की मनाही है। अतः भूलकर भी दिन में न सोएं।
  • सावन शिवरात्रि पर घर में कोई भी सदस्य तामसिक भोजन ग्रहण न करें। सोमरस और राक्षसी भोजन से परहेज करें।
  • सावन शिवरात्रि पर खट्टी चीजों का सेवन भूलकर भी न करें।
  • भगवान शिव की पूजा में तुलसी दल का प्रयोग न करें।\

शिवरात्रि पूजा विधि

मासिक शिवरात्रि के दिन सूर्योदय से पहले उठें और भगवान शिव और माता पार्वती का मन में ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प करें. इसके बाद गंगाजल मिले हुए पानी से स्नान करें, फिर नए या फिर साफ-सुथरे कपड़े पहन कर तैयार हों. अब शिवलिंग पर जल अर्पित करें, बेल पत्र, धतूरे का फल, अक्षत, चंदन, मिश्री और सफेद फूल की माला चढ़ाएं. हाथों में फूल रख कर शिवजी के मंत्र का जाप करें.

इन मंत्रों से करें आह्वान

कर्पूरगौरं करुणावतारम् संसारसारं भुजगेन्द्रहारम् !

 

सदा वसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानीसहितं नमामि !!

डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।

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