ज्योतिष शास्त्र में 9 ग्रहों के बारे में बताया गया है. इसमें राहु-केतु छाया ग्रह हैं. किसी भी जातक की कुंडली में राहु की दशा उस व्यक्ति के जीवन में उथल-पुथल मचा सकती है. किसी भी जातक की कुंडली में राहु दोष होने पर व्यक्ति को कई तरह की शारीरिक, मानसिक और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इतना ही नहीं, व्यक्ति इसके दुष्प्रभावों के चलते तनाव में रहने लगता है.
कुंडली के साथ घर में इन दो जगहों पर भी राहु की उपस्थिति होती है. इन दो जगहों पर साफ सफाई का विशेष ध्यान न रखने पर राहु का प्रकोप प्रारंभ हो जाता है. आइए जानें घर की इन दोनों जगहों के बारे में.
प्राचीन समय में घर के अंदर शौचालय बनवाना अशुभ माना जाता था, इसलिए घर के बाहर ही शौचालय बनवाए जाते थे. वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के अंदर बने शौचालय नकारात्मक ऊर्जा फैलाते हैं. वास्तु जानकारों के अनुसार बाथरूम में चंद्रमा का वास होता है और टॉयलेट में राहु का वास बताया जाता है. ऐसे में अगर दोनों को एक साथ बनवा दिया जाए, तो इससे ग्रहण योग बन जाते हैं. ऐसा करने से चंद्रमा भी दूषित हो जाता है.
अगर ऐसा होता है तो घर में रह रहे लोगों को कई तरह के दोषों का सामना करना पड़ता है. बता दें कि चंद्रमा को मन का कारण माना गया है. और राहु को विष के सामान. राहु व्यक्ति के दिमाग और मन पर बुरा प्रभाव डालता है. इसलिए वास्तु अनुसार घर में बने शौचालय को हमेशा साफ-सुथरा रखना चाहिए. शौचालय में थोड़ी सी कर्पूर भी जला कर रख सकते हैं. या फिर एक कटोरी में डालकर कोने में रखने से शौचालय की नकारात्मत ऊर्जा कम हो जाती है और राहु दोष कम लगता है.
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की सीढ़ियों में भी राहु का वास होता है. इसलिए घर की सीढ़ियों को भी हमेशा साफ-सुथरा रखें. जरा-सी भी टूट-फूट को तुरंत सही करवा लेना चाहिए. इसके साथ ही घर की सीढ़िया वास्तु के अनुसार सही दिशा में बनवाएं. सीढ़ियों को गंदा रखने से राहु सक्रिय हो जाता है. और व्यक्ति के जीवन में उथल-पुथल मचा देता है. साथ ही व्यक्ति को कर्ज में डूबा देता है.
राहु ग्रह को सक्रिय होने से बचाने के लिए सीढ़ियों को हमेशा साफ रखें. उनके नीचे शौचालय और बाथरूम न बनवाएं. सीढ़ियों के नीचे बेकार की चीजें न रखें. ऐसा करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है.