हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का विशेष महत्व है। मकर संक्रांति का पर्व देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन स्नान-दान के साथ सूर्य देव की पूजा करने का विधान है। मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से शुभ फलों की प्राप्ति है। लेकिन अगर आप किसी कारण वश गंगा नदी या फिर किसी अन्य पवित्र नदी में स्नान करने के लिए नहीं जा पा रहे हैं, तो घर पर इस तरह स्नान करके गंगा में स्नान करने के बराबर पुण्य की प्राप्ति होगी। आइए जानते हैं कि घर में कैसे करें स्नान…
हिंदू शास्त्रों के अनुसार, जब सूर्य मकरमें प्रवेश करते हैं, तो मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। बता दें कि इस साल सूर्य़ 15 जनवरी को सुबह के समय मकर राशि में प्रवेश कर रहे हैं। इसलिए इस दि इस पर्व को मनाया जाएगा।
हिंदू पंचांग के अनुसार, 15 जनवरी को पुण्य काल सुबह 7 बजकर 15 मिनट से लेकर शाम 5 बजकर 44 मिनट तक रहेगा। इसके साथ ही महा पुण्य काल सुबह 07 बजकर 15 मिनट से सुबह 09 बजे तक है। इसके साथ मकर संक्रांति का क्षण दोपहर 02 बजकर 55 मिनट तक है।
ज्योतिषों के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन नदी में स्नान करने के साथ दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। अगर आप किसी कारणवश पवित्र नदी में स्नान करने के लिए नदी जा पा रहे हैं, तो घर में ही इस विधि से स्नान करके पुण्य पा सकते हैं।
घर में स्नान के लिए नहाने वाले पानी में थोड़ा सा गंगाजल और तिल डाल लें। इसके बाद जल को हाथ से छुटे हुए सात बार गंगा-गंगा (सप्त मोक्षदायिनी) कहें। इसके बाद इससे स्नान कर लें। कहा जाता है कि इस तरह स्नान करने से गंगा स्नान के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है।
मकर संक्रांति के दिन स्नान करने के बाद सूर्यदेव की विधिवत पूजा करें। इसके साथ ही गुड़, चावल, तिल, खिचड़ी आदि का अवश्य दान करें। इसके साथ ही अपनी यथा शक्ति के अनुसार, वस्त्र, अनाज, पैसा आदि का भी दान कर सकते हैं। मान्यता है कि इस दिन दान करने से कई गुना अधिक पुण्यों की प्राप्ति होती है।
Note- इस लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है।