आचार्य चाणक्य ने चाणक्य नीति में जीवन से जुड़ी कई सारी समस्याओं के बारे में बताया है. इसके साथ ही उन्होंने एक व्यक्ति के गुणों पर भी प्रकाश डाला है. आचार्य के अनुसार किसी के पद या पैसे से उसके गुणों का अनुमान नहीं लगाया जा सकता है. आइए, जानते हैं कि आचार्य के व्यक्ति के गुणों को कैसे पहचाना जाता है. आचार्य चाणक्य की नीति में जीवन में व्यक्ति के गुणों की बात कही गई है.आचार्य चाणक्य की नीति में जीवन में व्यक्ति के गुणों की बात कही गई है.
पद का महत्व : चाणक्य नीति कहती है कि किसी भी व्यक्ति को महत्ता उसके गुण प्रदान करते है, जिन पदों पर वह व्यक्ति काम करता है, सिर्फ उससे कुछ नहीं होता. यदि एक कौवा ऊंची इमारत की छत पर जाकर बैठता है तो क्या आप उस कौवे को गरुड़ कहेंगे?
खुद की तारीफ करने वाला : आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जो व्यक्ति गुणों से रहित है, लेकिन जिसकी लोग सराहना करते है, वह दुनिया में काबिल माना जा सकता है. लेकिन जो आदमी खुद की ही डींगे हांकता है, वो अपने आप को दूसरे की नजरों में गिराता है.
गुणों की आभा रत्न जैसी : आचार्य चाणक्य कहते हैं कि यदि एक विवेक संपन्न व्यक्ति अच्छे गुणों का परिचय देता है, तो उसके गुणों की आभा को रत्न जैसी मान्यता मिलती है. एक ऐसा रत्न जो प्रज्वलित है और सोने के गहने में मढ़ने पर और चमकता है.
कौन सर्व गुण संपन्न : चाणक्य नीति के अनुसार, वह व्यक्ति जो सर्व गुण संपन्न है, अपने आप को सिद्ध नहीं कर सकता है जबतक उसे समुचित संरक्षण नहीं मिल जाता. उसी प्रकार जैसे एक मणि तब तक नहीं निखरती, जब तक उसे आभूषण में सजाया न जाए.
दान का महत्व : आचार्य कहते हैं, सभी परोपकार और तप तात्कालिक लाभ देते हैं. लेकिन सुपात्र को जो दान दिया जाता है और सभी जीवों को जो संरक्षण प्रदान किया जाता है, उसका पुण्य कभी नष्ट नहीं होता.
मूर्ख व्यक्ति से ज्ञान की बात मूर्खतापूर्ण है.
गरीबी से पानी हो मुक्ति तो दान करें.
विनम्रतापूर्वक व्यवहार करें.
ज्ञान को सदैव जीवन में महत्व दें.
ईश्वर की भक्ति से मिलेगी शक्ति ईश्वर की भक्ति हमारे जीवन में एक अलग महत्व रखती है.