बोम्मई सरकार की मंत्रिमंडल ने आरक्षण को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। जिसके मुताबिक, राज्य में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को लोगों को अब आरक्षण का लाभ ज्यादा मिलेगा। कर्नाटक मंत्रिमंडल के द्वारा लिए निर्णय के मुताबिक, राज्य में अनुसूचित जाति(SC) का आरक्षण 15 से भढ़ाकर 17 प्रतिशत कर दिया गया है तो वहीं अनुसूचित जनजाति(ST) का आरक्षण 3 से 7 प्रतिशत तक बढ़ा दिया गया है।
राज्य में आरक्षण 50 प्रतिशत से ज्यादा नहीं जाना चाहिए। लेकिन इस मसले पर कि क्या इसे कानूनी संरक्षण मिलेगा क्योंकि कुल आरक्षण 50 प्रतिशत को पार कर गया है। इस पर बात करते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदिरा साहनी मामले में यह परिभाषित किया गया है कि SC/ST को विशेष मामले के रूप में आरक्षण प्रदान किया जा सकता है। उन्हें सामाजिक और अकादमिक रूप से मुख्य धारा में शामिल किया गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि न्यायमूर्ति नागमोहन दास और न्यायमूर्ति सुभाष बी आदि दोनों ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है कि यह एक विशेष मामला होगा।
बता दें कि कर्नाटक सरकार एस-सी/ एस-टी को आरक्षण को कानूनी संरक्षण देनें के लिए इसे संविधान की अनुसूची 9 में शामिल करने की पहल कर रही है, जिसके लिए बोम्मई सरकार ने विधि मंत्री, विधि आयोग, संवैधानिक विशेषज्ञों और महाधिवक्ता से परामर्श करने का निर्णय लिया है।
बता दें कि स-सी/ एस-टी को आरक्षण दिए जाने के सवाल पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज ने कहा, “उनका मत है कि आरक्षण जनसंख्या के आधार पर होना चाहिए और आंकड़ों से पता चला है कि समुदाय मुख्यधारा से दूर हैं और इन सभी वर्षों में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया है। इसलिए, इसे एक विशेष मामले के रूप में कहा जा सकता है।”